पूर्वोत्तर के भावनात्मक एकीकरण का संकल्प पूरा किया : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के शनिवार को आए चुनाव परिणामों का उल्लेख करते हुए रविवार को कहा कि पूर्वोत्तर के लोगों ने एकमत से भाजपा के पक्ष में मतदान कर नफरत की राजनीति को नकार दिया है। कर्नाटक के तुमकूर में एक युवा सम्मेलन को रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि महत्त्वपूर्ण यह है कि पूर्वोत्तर के लोगों की खुशी में पूरा देश शामिल हुआ। यह सम्मेलन स्वामी विवेकानंद द्वारा शिकागो संबोधन के 125वें वर्ष और भगिनी निवेदिता के 150 वें जन्म वर्ष के अवसर पर आयोजित किया गया था। भाजपा ने शनिवार को जहां त्रिपुरा में वाम के गढ़ को ढहाते हुए शानदार जीत दर्ज की वहीं नगालैंड में भी उसकी भागीदारी वाली सरकार बनने की संभावना है जबकि मेघालय में त्रिशंकु विधानसभा का जनादेश आया है।
‘युवा शक्ति-भारत के लिए एक नई दृष्टि’ विषय पर हुए इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि युवा पीढ़ी से किसी भी प्रकार का संवाद हो, उनसे हमेशा कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। इसलिए मैं यथासंभव प्रयास करता हूं कि युवाओं से ज्यादा से ज्यादा मिलूं। उनसे बात करूं, उनके अनुभव सुनूं। उनकी आशाएं, उनकी आकांक्षाएं जानकर, उनके मुताबिक कार्य कर सकूं। इसका मैं निरंतर प्रयत्न करता हूं। प्रधानमंत्री ने दावा किया कि उनकी सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों ने एकीकरण का काम किया है जिससे पूर्वोत्तर के लोगों में शेष देश से अलग-थलग होने की भावना दूर हुई। उन्होंने कहा कि एकीकरण की इस लहर को कर्नाटक के लोगों में भी महसूस किया जा सकता है। आपने देखा कि शुक्रवार को पूरा देश होली के रंग में रंगा हुआ था। शनिवार को पूर्वोत्तर के नतीजों ने फिर एक बार पूरे देश में उत्सव का वातावरण बना दिया। मैं इसे एक पार्टी की जीत, एक पार्टी की हार के तौर पर नहीं देखता हूं। महत्त्वपूर्ण ये है कि पूर्वोत्तर के लोगों की खुशी में पूरा देश शामिल हुआ।
पूर्वोत्तर की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले हमारे यहां नीतियां और निर्णय ऐसे हुए कि उत्तर पूर्व के लोगों में अलग-थलग होने की भावना घर कर गई थी। लोग विकास की ही नहीं, विश्वास और अपनत्व की मुख्यधारा से भी खुद को कटा हुआ महसूस करने लगे थे। पिछले चार वर्षों में हमारी सरकार की नीतियों-निर्णयों ने इस भावना को खत्म करने का काम किया है। हमने पूर्वोत्तर के भावनात्मक एकीकरण का संकल्प लिया और उसे सिद्ध करके दिखाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कट्टरपंथ का जवाब एकीकरण से ही दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि तुमकूर का ये स्टेडियम इस समय हजारों विवेकानंद, हजारों भगिनी निवेदिता की ऊर्जा से दमक रहा है। हर तरफ केसरिया रंग इस ऊर्जा को और बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि रविवार के तीनों आयोजनों के केंद्रबिंदु स्वामी विवेकानंद हैं। कर्नाटक पर तो स्वामी विवेकानंद जी का विशेष स्नेह रहा है। अमेरिका जाने से पहले, कन्याकुमारी जाने से पहले वो कर्नाटक में कुछ दिन रुके थे। यहां तीर्थों की बात हो रही है, तो प्रौद्योगिकी की भी चर्चा है। यहां, ईश्वर की भी बात हो रही है और नए अभिनव प्रयासों की भी चर्चा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कर्नाटक में आध्यात्मिक महोत्सव और युवा महोत्सव का एक नया मॉडल विकसित हो रहा है। मुझे आशा है कि यह आयोजन देशभर में दूसरों को प्रेरणा देगा। भविष्य की तैयारियों के लिए हमारी ऐतिहासिक परंपराओं और वर्तमान युवा शक्ति का ये समागम अद्भुत है।