रामनाथ कोविंद को पहला दलित राष्ट्रपति बताकर घिरे योगी, लोग बोले- सब कुछ 2014 के बाद ही तो हुआ है
उत्तर प्रदेश में फूलपुर और गोरखपुर की लोकसभा सीटों के उपचुनाव को लेकर चुनावी सरगर्मी तेज है। फूलपुर से बीजेपी प्रत्याशी कौशलेंद्र सिंह पटेल के समर्थन में आयोजित रैली के दौरान योगी आदित्यनाथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दलित बताकर आलोचकों के निशाने पर आ गए। सोशल मीडिया पर लोग उन्हें ट्रोल करने लगे। ट्रोलर्स ने कहा – सब कुछ तो 2014 के बाद ही हो रहा है। वहीं, कुछ लोगों ने उन्हें 1997 में राष्ट्रपति बने केआर नारायणन का नाम सुझाते हुए कहा कि क्या वे दलित नहीं थे। इलाहाबाद के प्रीतमनगर में आयोजित चुनावी जनसभा में योगी आदित्यनाथ के जिस बयान के बाद ट्रोलर्स ने उन्हें घेरना शुरू किया, वह बयान था – “इस देश के अंदर कोई दलित भी राष्ट्रपति बन सकता है तो ये प्रधानमंत्री मोदी ने किया। बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने नहीं किया।”
माना जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ ने यह बयान दलित मतदाताओं को लुभाने के लिए दिया। मगर बयान के चक्कर में राष्ट्रपति को लेकर दलित कार्ड खेलने पर आलोचकों ने सोशल मीडिया पर उन पर निशाना साधना शुरू किया। फिरोज ने ट्वीट किया – ये बहुत निंदनीय बयान है, क्या राष्ट्रपति महोदय को सिर्फ इसलिए चुना गया कि वे दलित हैं। सुहैल मुकदम ने कहा – मेरी जानकारी के अनुसार केआर नारायणन पहले दलित राष्ट्रपति रहे। माफ करिएगा, सब कुछ 2014 के बाद से ही देश में हो रहा है। दानिश ने कहा – देश के पहले व्यक्ति की बस इतनी काबिलियत है कि वो दलित है। अखिलेश यादव नामक ट्विटर यूजर ने इसे गलत विचार करार दिया।
बता दें कि यूपी की दोनों लोकसभा सीटों पर 11 मार्च को उपचुनाव होगा। गोरखपुर सीट जहां योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने, वहीं फूलपुर सीट केशव प्रसाद मौर्य के उप मुख्यमंत्री बनने पर खाली हुई है। बता दें कि यूपी में उपचुनाव को लेकर सपा-बसपा के एक साथ आने पर भी बीजेपी नेताओं की ओर से तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की जा रही है। जहां योगी आदित्यनाथ ने इसे दोहे के साथ-कह रहीम कैसे निभे, बेर-केर के संग कहकर बेमेल जोड़ी करार दिया था, वहीं उनके मंत्री नंद गोपाल नंदी ने मुलायम को रावण, अखिलेश को मेघनाद और मायावती को शूर्पणखा करार दिया था।