बंगाल में धार्मिक स्थलों पर मिला मांस, ममता बनर्जी बोलीं- दंगे भड़काना चाहते हैं संघ-भाजपा
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार (5 मार्च) को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) पर चुपचाप से धर्मिक स्थलों पर मांस की टुकड़े फेंककर राज्य में दंगे भड़काने का आरोप लगाया। उन्होंने पुलिस से कहा कि वह अपराधियों को दबोचने के लिए स्थानीय स्तर पर सामुदायिक विकास समितियां बनाएं और स्थानीय लोगों से भी ऐसी गतिविधियों पर आंख रखने को कहें। झारग्राम में एक प्रशासनिक बैठक के दौरान सीएम ममता बनर्जी ने कहा- ”उन्होंने (बीजेपी-आरएसएस ने) हाल ही में नया षड़यंत्र शुरू कर दिया है। वे कुछ लोगों को पैसे दे रहे हैं और उन्हें मंदिरों और मस्जिदों में मांस फेंकने के लिए कह रहे हैं। यह भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक की तरफ से एक षड़यंत्र है, सांप्रदायिक दंगा कराने की जानबूझकर की जाने वाली कोशिश है।”
ममता बनर्जी ने सभी पुलिस स्टेशनों के इंस्पेक्टर इन-चार्ज को सावधान रहने का निर्देश देते हुए कहा- ”वे दो समुदायों के बीच दंगा शुरू कराने के लिए यह कर रहे हैं। मुझे पूरा यकीन है कि वे राम नवमी के दिन भी ऐसी चाल चलने की कोशिश करेंगे। मुझे यह नहीं देखना है कि कौन हिंदू है और कौन मुस्लिम है। मैं सभी के समर्थन में हूं। एक अपराधी… एक अपराधी है।”
उन्होंने आगे कहा- ”हमने 24 परगना जिले में दो जगहों पर ऐसी घटनाएं देखीं। कुछ बीजेपी और आरएसएस के कार्यकर्ताओं को हाबड़ा की घटना के चलते गिरफ्तार किया गया था। यही कारण हैं कि हम उनके नाम ले रहे हैं। अगर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता गिरफ्तार किए गए होते तो मैं उनका नाम भी लेती।” उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को शामिल करो। अगर कोई ऐसे अपराधियों को पकड़ता है तो उन्हें 1000 हजार रुपये दो। अगर कोई इस तरह की घटनाओं को सफलतापूर्वक रोकता है तो मैं कुछ लोगों रोजगार प्रदान करूंगी और अन्य को पैसे दूंगी।
बता दें कि 24 परगना जिले में शुक्रवार (2 मार्च) को होली के पर्व पर मंदिर में मांस फेंकने की अफवाहों के चलते तनाव फैल गया था। लोगों ने रास्ता जाम कर नारे लगाए थे। मौके पर भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया था। पिछले वर्ष मई में एक नाबालिग शख्स की अपमानजनक फेसबुक पोस्ट वायरल होने के बाद भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटे इलाके बदुरिया और बसीरहाट में बड़े स्तर पर सांप्रदायिक हिंसा देखी गई थी। उस वक्त सुरक्षा बलों को हालात पर काबू पाने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी थी।