गीतांजलि को लाभ पहुंचाने के लिए कांग्रेस पर रविशंकर प्रसाद ने साधा निशाना

पीएनबी घोटाले व अन्य तमाम मुद्दों पर भाजपा ने सोमवार को कांग्रेस पर तीखे हमले किए। भाजपा नेता व केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कांग्रेस से पूछा कि वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आरोपी मेहुल चोकसी को फायदा पहुंचाने के लिए कितना कमीशन लिया था। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि मई 2014 में मेहुल चोकसी की कंपनी को फायदा दिलाने के लिए गोल्ड स्कीम का कानून बदला गया था। कांग्रेस पर आरोपों की झड़ी लगाते हुए उन्होंने राहुल गांधी से इस पर जवाब मांगा। कांग्रेस पर बैंकिंग सिस्टम को दागदार करने का आरोप लगाते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उन्होंने बीते चार साल में सिर्फ भय और भ्रम की राजनीति की है। भाजपा के खिलाफ वह लगातार दुष्प्रचार कर रही है। उन्होंने पूछा कि इसके बदले सरकार ने कितना कमीशन लिया।

उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव के वोटों की गिनती के दिन घोटाले में फंसी गीतांजलि जेम्स सहित सात निजी कंपनियों को सोने के आयात का लाभ मंजूर किया। भाजपा ने कांग्रेस से सवाल किया कि इस फैसले के लिए किसे कितना ‘हिस्सा’ मिला। कांग्रेस और चिदंबरम को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कहा कि यह विपक्षी पार्टी की ‘झूठ और ठगी की राजनीति का पर्दाफाश’ है। बताते चलें कि सीबीआइ ने भ्रष्टाचार के एक मामले में चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को पिछले दिनों गिरफ्तार किया है। प्रसाद ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की अगुआई वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने असल में फंसी हुई संपत्तियों को बैंकों के बही- खातों में प्रदर्शित नहीं होने देकर अर्थव्यवस्था को ‘बर्बाद’ कर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन के अंतिम छह वर्षों में बैंकों की ओर से दी गई कुल अग्रिम राशि 2008 में 18.06 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 52.15 लाख करोड़ रुपए हो गई। उन्होंने कहा कि इस अग्रिम राशि के महज 36 फीसद हिस्से की पहचान फंसी हुई संपत्ति के तौर पर की गई, लेकिन वह बढ़कर 82 फीसद हो गर्इं। उन्होंने आरोप लगाया कि तत्कालीन ‘तथाकथित अर्थशास्त्री’ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और चिदंबरम के शासन में दखलंदाजियों, संरक्षण और दबाव के द्वारा बैंकिंग व्यवस्था को पटरी से उतारने की कोशिश की गई। बहरहाल, सत्ताधारी पार्टी के निशाने पर मुख्य रूप से चिदंबरम ही थे।

प्रसाद ने आरोप लगाया कि चिदंबरम ने 16 मई 2014 को 80:20 सोना आयात योजना के तहत सात निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाए। 16 मई 2014 को ही पिछले लोकसभा चुनाव के वोटों की गिनती हुई थी और नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली भाजपा सत्ता में आई थी। उन्होंने कहा कि इसका क्या मतलब है? 16 मई को मनमोहन सिंह सरकार हार रही है, पी चिदंबरम की कुर्सी खतरे में है… चिदंबरम और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को हमें बताना चाहिए कि उस दिन सात निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आदेश क्यों जारी किया गया। यह भ्रष्टाचार है या जुमला?’ प्रसाद ने कहा कि वे चिदंबरम की असली तस्वीर देश के सामने लाना चाहते हैं। उन्होंने कांग्रेस आलाकमान पर भी हमला बोलते हुए दावा किया कि तत्कालीन वित्त मंत्री दूसरों के ‘आशीर्वाद’ से ऐसा कर रहे थे। भाजपा नेता ने कहा कि 16 मई को ऐसा फैसला करना ‘बेशर्मी की हद’ थी। उन्होंने कहा कि इस फैसले को कुछ दिन बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने मंजूरी दे दी थी, लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार ने सत्ता में आने के कुछ ही महीनों के भीतर इस फैसले को निरस्त कर दिया। उन्होंने कहा, ‘श्रीमान चिदंबरम, कृपया जवाब दें। यह जुमला है या घोर पक्षपात, दुर्भावनापूर्ण व्यवहार है या भीषण भ्रष्टाचार? कांग्रेस पार्टी को जवाब देना चाहिए कि गीतांजलि के लिए लॉबिंग करने वाले ये लोग कौन थे और कितना हिस्सा मिला था?’ कानून मंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार किसी भ्रष्ट व्यक्ति को नहीं बख्शेगी। बताते चलें कि चिदंबरम ने भाजपा सरकार की नीतियों का मजाक उड़ाने के लिए अक्सर ‘जुमला’ शब्द का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को निशाना बनाने के लिए ‘खौफ, झूठ, तोड़-मरोड़ और भ्रम फैलाने’ का काम करती रही है। उन्होंने रफाल करार व कई अन्य मुद्दों पर विपक्ष की मुहिम का जिक्र करते हुए दावा किया कि ये सब बेबुनियाद आरोप हैं।

प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस सुधार विरोधी है इसलिए आधार और जीएसटी का विरोध करती रही है क्योंकि इन कदमों से पारदर्शिता व भ्रष्टाचार पर लगाम लगती है। उन्होंने सरकार के रुख को दोहराया कि उसके कार्यकाल में दिया गया कोई भी कर्ज फंसा हुआ कर्ज (एनपीए) नहीं बना है। प्रसाद ने कहा कि कारोबारी जतिन मेहता 2012 में भारत से फरार हुआ। मेहता पर भी कर्ज न चुकाने के कारण भारत से भाग जाने का आरोप है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को इटली से लौटने पर इन सवालों के जवाब देने चाहिए। कांग्रेस पर हमला करते हुए रविशंकर ने कहा कि हमारे खिलाफ लगातार भ्रम फैलाया जा रहा है। बीते दिनों 13 डिजिट का मोबाइल नंबर होने की अफवाह फैलाई गई। बाद में साबित हो गया कि ये बात झूठ है। वित्तीय बिल पर भी तमाम तरह की बातें की जा रही हैं, जोकि अभी प्रारंभिक अवस्था में ही है। रफाल डील को लेकर भाजपा पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस खुद बोफर्स सहित तमाम रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। डोकलाम पर कांग्रेस सवाल पूछ रही थी लेकिन दूसरी तरफ राहुल गांधी चीन के राजदूत से मुलाकात कर रहे थे। त्रिपुरा में मिली जीत पर उन्होंने कहा कि भारतीय राजनीति में इस जीत के दूरगामी परिणाम होंगे।

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