विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद हो रही हिंसा के कारण त्रिपुरा में धारा 144 लागू और सुरक्षा बल तैनात
त्रिपुरा में जब से विधानसभा चुनाव के नतीजे आए हैं, यह पूर्वोत्तर राज्य हिंसा की घटनाओं से जूझ रहा है। सीपीएम और भाजपा दोनों ही पार्टियां एक दूसरे पर हिंसा करने का आरोप लगा रही हैं। चुनाव के नतीजे घोषित होने के एक दिन बाद सीपीएम का कहना है कि उसके काडर के खिलाफ हिंसा की 200 के करीब घटनाएं हुई हैं। उनके काडर के घरों और कार्यालयों में तोड़-फोड़ की गई। सीपीएम की स्टेट यूनिट के सचिव बिजन धर का कहना है कि सोमवार तक उनके 514 कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया। पार्टी के समर्थकों और कार्यकर्ताओं के करीब 1539 घरों में तोड़फोड़ की गई। 196 घरों में आग लगा दी गई। 134 पार्टी ऑफिसों को तोड़ा गया, 64 कार्यालयों में आग लगा दी गई और 208 कार्यालयों पर भाजपा समर्थकों ने जबरदस्ती कब्जा कर लिया है। सीपीआई महासचिव सीताराम येचुरी ने त्रिपुरा में हो रही हिंसा के लिए भाजपा और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया। येचुरी ने कहा कि त्रिपुरा में हो रही हिंसा को आरएसएस- भाजपा बढ़ावा दे रही हैं। हिंसा के अलावा इनका कोई राजनैतिक भविष्य नहीं है। त्रिपुरा के लोग इन्हें सबक सिखाएंगे। येचुरी ने कहा कि भाजपा और आरएसएस राजनैतिक हिंसा को बढ़ावा देते हैं और यही उनका स्वभाव है।
इससे पहले सोमवार को भाजपा समर्थकों ने त्रिपुरा के बेलोनिया शहर में स्थित ब्लादिमीर लेनिन की प्रतिमा ढहा दी। वामपंथियों ने इस घटना की आलोचना करते हुए इसे वामपंथियों का डर करार दिया। वहीं भाजपा ने दावा किया कि वामपंथियों के दमन से परेशान लोगों ने प्रतिमा को गिराया है। भाजपा नेता ने सुब्रमण्यन स्वामी ने लेनिन को आतंकी बताया और उसकी भारत में प्रतिमा लगाने पर ही सवाल उठा दिए। वामपंथियों पर निशाना साधते हुए स्वामी ने कहा कि सीपीआई लेनिन की प्रतिमा को अपने कार्यालय में लगाकर उसकी पूजा कर सकती है। केन्द्रीय मंत्री और भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने कहा कि हिंसा को बढ़ावा भाजपा नहीं बल्कि लेफ्ट पार्टी देती है। सिंह ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सुना कि लेफ्ट पार्टी ने पुराने समय में काशी, अयोध्या और मथुरा में तोड़े गए हजारों मंदिरों को लेकर कभी कुछ बोला हो।
हिंसा से प्रभावित त्रिपुरा के कई इलाकों में धारा 144 लगा दी गई है। वहीं गृह मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि त्रिपुरा में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त सुरक्षाबल राज्य में मौजूद है। लेनिन की प्रतिमा गिराए जाने के विरोध में सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं ने कोलकाता में पीएम मोदी का पुतला जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया।