कार्ति की सीबीआइ हिरासत की मियाद और 3 दिन बढ़ी

दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के नेता पी चिदबंरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम की सीबीआइ हिरासत की मियाद तीन दिन के लिए और बढ़ा दी है। कार्ति की पांच दिन की सीबीआइ हिरासत की अवधि पूरी होने पर जांच एजंसी ने मंगलवार को उसे विशेष न्यायाधीश सुनील राणा के समक्ष पेश किया। जांच एजंसी ने कहा कि नए तथ्यों के सामने आने की वजह से उसकी हिरासत की अवधि बढ़ाए जाने की जरूरत है। जांच एजंसी ने कहा कि इन नए तथ्यों के साथ उससे हिरासत में पूछताछ की दरकार है। सीबीआइ ने कहा कि हालांकि इस मामले की जांच में पिछले चार दिन में काफी प्रगति हुई है, परंतु वह सहयोग नहीं कर रहा है और उसने अपने फोन के पासवर्ड की जानकारी अभी तक नहीं दी है। जांच एजंसी ने कहा कि हर सवाल का उसका यही जवाब है, मैं राजनीतिक विद्वेष का शिकार हूं। एजंसी ने यह भी आरोप लगाया कि इस मामले के गवाहों से संपर्क किया जा रहा है और साक्ष्य नष्ट किए जा रहे हैं।

सीबीआइ ने कार्ति चिदबंरम की पुलिस हिरासत की अवधि नौ दिन के लिए बढ़ाने का अनुरोध करते हुए कहा था कि उसे मुंबई ले जाया गया था जहां आइएनएक्स मीडिया की एक प्रमोटर इंद्राणी मुखर्जी के साथ भायखला जेल में उसका आमना-सामना कराया गया था और इंद्राणी का बयान तमाम साक्ष्यों में से एक है। जांच एजंसी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा, इस मामले में दो दिन पहले ही नई जानकारियां सामने आई हैं। जांच के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी जा सकती। लेकिन हमें नए तथ्यों के आलोक में उससे हिरासत में पूछताछ करने की आवश्यकता है। उन्होंने कार्ति चिदबंरम की जमानत की अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि जांच अभी महत्त्वपूर्ण चरण में है और जांच एजंसी को उसकी जमानत अर्जी पर अपना विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह चाहिए। हालांकि अदालत ने कार्ति की जमानत अर्जी की सुनवाई नौ मार्च के लिए सूचीबद्ध कर दी जब उसे तीन दिन की पुलिस हिरासत की अवधि पूरी होने पर पेश किया जाएगा।

हिरासत के दौरान अदालत के एक मार्च के आदेश में लगाई गई सारी शर्तो का पालन करना होगा। इसके अंतर्गत कार्ति चिदबंरम की हर 24 घंटे बाद मेडिकल जांच होगी ओर उसे सुबह और शाम रोजाना एक एक घंटे अपने वकील से बात करने की छूट होगी। उसे अपने साथ मेडिकल पर्चे पर लिखी दवाएं ले जाने की अनुमति होगी। लेकिन घर का खाना नहीं मिलेगा। कार्ति चिदबंरम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जांच एजंसी किसी न किसी तरह उसे हिरासत में रखना चाहती है। सिंघवी ने कहा, मैंने सहयोग किया है। आप जो सुनना चाहते हैं उसे कहने के लिए मैं बाध्य नहीं हूं। मेरा काम पूछताछ के लिए खुद को उपलब्ध कराना है। उन्होंने सवाल किया कि क्या इंद्राणी का बयान एक स्वीकार्य साक्ष्य है? वह अपनी बेटी की हत्या के आरोप में जेल में है। उन्होंने कहा कि कार्ति चिदबंरम कोई आतंकवादी नहीं है जिससे हिरासत के बगैर ही पूछताछ नहीं की जा सकती। अदालत में कार्यवाही के दौरान कार्ति के पिता पी चिदंबरम और मां नलिनी चिदंबरम भी मौजूद थे। अदालत ने उसे अपने माता-पिता से दस मिनट मुलाकात करने की अनुमति भी दी।

 

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