जीत का जश्न: बीजेपी ने सांसदों को कामाख्या मंदिर का प्रसाद खिलाया, पिछले साल तिरुपति से आए थे लड्डू
साल 2018 में पूर्वोत्तर के तीन बड़े राज्य यानि त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय में एक शानदार तथा शून्य से शिखर तक की जीत के साथ भाजपा अब अपने हिंदूवादी विचारों के प्रसार में लग गई है। जीत के इसी क्रम में भाजपा ने अपनी जीत का श्रेय भगवान को दिया। इतना ही नहीं त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय में जीत के बाद भाजपा नेताओं ने प्रसाद वितरण का प्रबंध भी किया। इसके लिए भाजपा की संसदीय समिति ने मंगलवार को गुवाहाटी के मशहूर कामख्या मंदिर में प्रसाद वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया। जहां प्रसाद के रूप में लड्डू वितरण किया गया।
इस कार्यक्रम के दौरान भाजपा के कई बड़े नेता और सांसद मौजूद रहे और प्रसाद को ग्रहण किया तथा जीत का जश्न मनाया। ये कुछ वैसा ही कार्यक्रम था जैसा कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में हुए चुनाव के बाद मिली जीत के बाद किया था। साल 2017 में एक साथ चार बड़े राज्यों में मिली विशालकाय जीत के बाद भाजपा नेताओं ने आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में प्रसाद का वितरण किया था। भाजपा नेताओं ने तब अपनी जीत को भगवान को अर्प्रण करते हुए अपनी जीत को विकास और हिन्दू विचारों की जीत करार दिया था। प्रसाद वितरण कार्यक्रम में मौजूद भाजपा नेताओं ने इस कार्यक्रम के द्वारा अपने विचारों को प्रसारित करने और रामराज्य को कल्पना को सही साबित करने को कोशिश भी की है।
भाजपा के लगातार बढ़ते जनाधार के बीच भाजपा विकास के नाम पर जहाँ युवाओं को रिझाने की कोशिश में लगा हुआ है, वहीं अपने विशालकाय हिन्दू जनाधार को बनाए रखने के लिए धार्मिक आयोजनों और कार्यक्रमों को भी बढ़ावा दे रही है। जहां समय समय पर राम मंदिर के मुद्दे को हवा दी जाती है वहीं विशाल और वैदिक हिन्दू इतिहास का इस्तेमाल करके भाजपा अपने राजनीतिक हित साध रही है।
अब आने वाले समय में ये देखना होगा कि भाजपा अपने इन आयोजनों को कहाँ तक ले जाती है और इसके माध्यम से भविष्य में इसे जीत में कैसे बदलती है। बहरहाल, अभी तो भाजपा के सामने साल 2019 का एक विशाल लक्ष्य मौजूद है। जिसे साधना उसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है।