ड्राइविंग के वक्त गूगल मैप का ना करें इस्तेमाल, चालान काटेगी ट्रैफिक पुलिस
ड्राइविंग के वक्त गूगल मैप का इस्तेमाल आपके सफर को आसान जरूर बनाता होगा। लेकिन ड्राइविंग के वक्त इसका इस्तेमाल कई हादसों को दावत भी देता है। पुलिस को इस बावत कई बार शिकायतें भी मिल चुकी है, लिहाजा अब ड्राइविंग के दौरान गूगल मैप देखने को गैर कानूनी किया जा रहा है। चंडीगढ़ पुलिस अब अगर किसी ड्राइवर को गूगल मैप इस्तेमाल करती हुई पकड़ती है तो ट्रैफिक नियमों के मुताबिक उसपर चालान किया जाएगा। यहीं नहीं चालान के बाद पुलिस ड्राइवर का लाइसेंस भी सस्पेंड करने की सिफारिश करने पर विचार कर रही है। ये नियम कैब और निजी ड्राइवरों पर भी लागू होगा। चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि उन्हें ट्रैफिक हेल्पलाइन पर कई शिकायतें मिली हैं जिसमें लोगों ने कहा है कि ड्राइविंग के दौरान गूगल मैप देखने को कानूनन जुर्म बनाया जाए। बता दें कि दिल्ली, मुंबई, बंगलुरु, चंडीगढ़ समेत कई शहरों में निजी कैब ऑपरेटर सवारियों को लक्ष्य पर पहुंचाने के लिए जीपीएस आधारित गूगल मैप देखते हैं और उसी रूट पर चलते हैं।
दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट के मुताबिक जिस तरह से ड्राइविंग के दौरान मोबाइल पर बात करने पर ट्रैफिक पुलिस चालान करती है उसी तरह इस मामले में भी ट्रैफिक पुलिस चालान करेगी। इस वक्त अगर कोई व्यक्ति गाड़ी चलाते वक्त बातचीत करते हुए पकड़ा जाता है तो 1000 रुपये का चालान और तीन महीने के लिए लाइसेंस सस्पेंड होता है। इस मामले में पुलिस चालान के बाद लाइसेंस सस्पेंड करने पर भी विचार कर सकती है। ट्रैफिक पुलिस के पास आ रही शिकायतों में लोगों ने कहा है कि कैब चालक गूगल मैप देखकर मौका मिलते ही अचानक टर्न लेते हैं, जिससे हादसा होने का डर रहता है।
हालांकि पुलिस का कहना है कि गूगल मैप लगाना गलत नहीं है, बल्कि कैब चलाते वक्त इसका इस्तेमाल गलत है। चंडीगढ़ पुलिस का कहना है कि गाड़ी साइड कर गूगल मैप देखने में कोई दिक्कत नहीं है। हालांकि पुलिस ये कैसे तय करेगी कि कोई ड्राइवर गूगल मैप देख रहा था या नहीं। पुलिस अब कैब चालकों द्वारा हुए दुर्घटनाओं का डाटा खंगाल रही है और ये पता कर रही है कि कितनी दुर्घटनाएं इस वजह से हुई हैं। हालांकि ये नियम फिलहाल चंडीगढ़ के लिए लागू किया जा रहा है, लेकिन सफल होने पर इसे देश के दूसरे हिस्सों में भी लागू किया जा सकता है।