डोकलाम के बाद और नरम हुआ चीन, दिए ब्रह्मपुत्र, कैलाश पर बातचीत के संकेत
डोकलाम विवाद के समापन के बाद चीन ने मंगलवार (12 सितंबर) को कहा कि तिब्बत में आंकड़ा संग्रहण केंद्र के अद्यतन कार्य के चलते वह फिलहाल ब्रह्मपुत्र नदी का जलीय आकंड़ा भारत के साथ साझा नहीं कर सकता लेकिन वह कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए सिक्किम में नाथुला दर्रा फिर खोलने के वास्ते बातचीत के लिए राजी है। वर्ष 2006 में स्थापित द्विपक्षीय विशेषज्ञ स्तरीय प्रणाली के तहत चीन से 15मई-15जून के बाढ़ के सीजन के दौरान सतलुज और ब्रह्मपुत्र नदियों पर जलीय आंकड़े साझा करने की उम्मीद की जाती है। चीन ने दिखाया है कि डोकलाम विवाद के बाद वह ब्रह्मपुत्र से छोड़े गए पानी के आंकड़े और कैलाश मानसरोवर जाने के लिए रास्ता फिर से खोलने के लिए राजी है।
चीन के विदेश मंत्री के प्रवक्ता गेंग सुआंग ने यहां मीडियार्किमयों से कहा, ‘‘लंबे समय तक हमने भारतीय पक्ष के साथ नदी आंकड़े पर सहयोग किया। लेकिन चीन में संबंधित स्टेशन को अद्यतन करने को लेकर फिलहाल हम इस स्थिति में नहीं हैं कि नदी के प्रासंगिक आंकड़े जुटा पाएं। ’’ जब उनसे पूछा गया कि कब चीन आंकड़े देगा, जो डोकलाम विवाद के कारण कथित रुप से देना बंद कर दिया गया था, उन्होंने कहा, ‘‘हम इसपर बाद में विचार करेंगे।’’
अठारह अगस्त को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि पहले से ही, 2006 में स्थापित विशेषज्ञ स्तरीय प्रणाली है और दो ऐसे सहमति ज्ञापन हैं जिसके तहत चीन से 15मई-15जून के बाढ़ के सीजन के दौरान सतलुज और ब्रह्मपुत्र नदियों पर जलीय आंकड़े साझा करने की उम्मीद की जाती है। कुमार ने कहा था , ‘‘इस साल हमें चीनी पक्ष से कोई जलीय आंकड़े नहीं मिले। ’’ ब्रह्मपुत्र नदी में ऊंचाई के हिस्से में स्थित चीन द्वारा निचले हिस्से के देशों भारत एवं बांग्लादेश के साथ हर मानसून में आंकड़ा साझा कराना जरुरी है ताकि वे बाढ़ की स्थिति के संदर्भ में जरुरी कदम उठा पाएं।
जलीय आंकड़े देने से इनकार करने के लिए चीन द्वारा तकनीकी कारणों का हवाला देने वाला रुख भारत के लिए बड़ी समस्या खड़ी कर सकता है , खासकर बाढ़ प्रबंधन के संदर्भ में। वैसे गेंग ने सिक्किम में नाथुला दर्रे से होकर कैलाश मानसरोवर तीर्थाटन मार्ग को फिर से खोलने पर सकारात्मक संदेश दिया। डोकलाम विवाद के चलते इसे बंद कर दिया गया था। गेंग ने कहा कि चीन इस मुद्दे पर भारत के साथ संवाद के लिए तैयार हैं।
जब उनसे पूछा गया कि जब डोकलाम विवाद को हल कर लिया गया है तब ऐसे में चीन भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए कब यह मार्ग खोलेगा, तो उन्होंने कहा, ‘‘लंबे समय से चीन ने भारतीय तीर्थयात्रियों को जरुरी सहूलियत उपलब्ध कराने के लिए सभी प्रतिकूलताओं के विरुद्ध प्रयास किये हैं। दोनों नेताओं के बीच सहमति के अनुसार और इस तथ्य के आधार पर कि भारत चीन सीमा के पश्चिमी खंड को दोनों पक्ष स्वीकार कर चुके हैं, चीन ने भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए दर्रा खोला था। ’’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि नाथुला दर्रा बंद कर दिया गया था क्योंकि भारतीय सैनिकों ने अवैध रुप से सीमा पार की, फलस्वरुप सीमा पर तनाव पैदा हो गया। उन्होंने कहा, ‘‘चीन इस दर्रे को खोलने और तीर्थयात्रियों से जुड़े अन्य मुद्दों पर भारतीय पक्ष के साथ बातचीत के लिए तैयार है।’’ सिक्किम में डोकलाम क्षेत्र में भारत और चीन के बीच 73 दिनों से जारी टकराव पिछले महीने खत्म हुआ था। सीमावर्ती क्षेत्र में चीन द्वारा सड़क बनाने का कदम उठाने के बाद यह स्थिति पैदा हुई थी।