श्रीलंका के इस क्रिकेटर का दंगाइयों को दिया गया कड़ा संदेश सोसल मीडीया में हुआ वायरल
पिछले तीन दिनों से श्रीलंका के कई इलाके साम्प्रदायिक हिंसा की आग में झुलस रहे हैं। कैंडी में बौद्धों और मुस्लिमों के बीच संघर्ष के बाद कर्फ्यू लगाया गया है। शांति प्रिय समझे जाने वाले इस देश की हिंसा में हिंसा की लपटों से यहां के क्रिकेटर भी चकित हैं। उन्हें श्रीलंकाई समाज का चेहरा काफी शर्मिदां कर रहा है। कुमार संगकारा, महेला जयवर्धने और सनथ जयसूर्या जैसे दिग्गज क्रिकेटरों ने ट्वीट कर इस हिंसा की निंदा की है। क्रिकेटर कुमार संगकारा ने इस हिंसा पर गहरी निराश जताते हुए दंगाइयों को कड़ा मैसेज दिया है। संगकारा ने ट्विटर, इंस्टाग्राम के जरिये दिये मैसेज में कहा है कि क्या हम नैतिक रूप से इतने भ्रष्ट हो चुके हैं कि हम ये नहीं देख सकते हैं कि हमारी इन करतूतों का हमारे साझा भविष्य पर क्या असर पड़ रहा है।
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दंगाइयों पर लगभग गरजते हुए उन्होंने कहा है कि किसी के धर्म और जातीय पहचान के आधार पर श्रीलंका में हिंसा करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। बता दें कि सांप्रदायिक हिंसा में दो लोगों की मौत हुई है और कई अन्य घायल हुए हैं। यहां दर्जनों दुकाने जला दी गईं हैं। मुस्लिमों के एक समूह द्वारा कथित रूप से बौद्ध समुदाय के एक शख्स की हत्या के बाद संघर्ष की शुरुआत रविवार को देश के मध्य हिस्से से शुरू हुई। करीब 20 दुकानों को जला दिया गया, मकानों को फूंक दिया गया जिसमें जलकर मुस्लिम समुदाय के एक व्यक्ति की मौत हो गई। हिंसा के मामलों में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
I strongly condemn the recent acts of violence & everyone involved must be brought to justice regardless of race/ religion or ethnicity. I grew up in a civil war which lasted 25 years and don’t want the next generation to go through that.
— Mahela Jayawardena (@MahelaJay) March 7, 2018
श्रीलंका के पूर्व कप्तान कुमार संगकारा ने इन वारदातों को वाहियात बताते हुए कहा, “मेरे श्रीलंकाई नागरिको, क्या हमने अपने हाल के अतीत से कुछ नहीं सीखा है, क्या हमने बुनियादी मानवीय करुणा और प्रेम की दृष्टि खो दी है, अपने पड़ोसियों की सुरक्षा और कल्याण के लिए हमलोग जिम्मेदार हैं, हमलोग अपने बहन और भाइयों की रक्षा करने वाले हैं, हमें यह सुनिश्चित कराना होगा कि श्रीलंका में हर किसी को प्यार मिले, उसकी सुरक्षा हो और समाज में उसे स्वीकृति मिले, चाहे वह किसी भी जाति, क्षेत्रीयता या धर्म का हो।” उन्होंने कहा कि, ” जब हम अपने श्रीलंकाई भाई-बहनों की आंखों में आंखें डाल कर देखें तो हमें, सिंहली, तमिल और मुस्लिम नजर नहीं आने चाहिए, हमें हर एक दूसरे में खुद को देखना होगा।, हमें वही प्यार और इज्जत देखना होगा जो हम खुद के लिए रखते हैं। श्रीलंका के लोगों से भावुक अपील करते हुए संगकारा ने कहा, “चलिए हम नफरत, भय और अज्ञानता के अंधकार में डूबकर अंधे ना हो जाएं, हमलोग एक साथ मिलकर रेसिज्म को नकारें।”