सीबीआइ ने जिला विकास अभिकरण (डीआरडीए) के निदेशक को तलब किया
सैकड़ों करोड़ रुपए के सृजन घपले की जांच कर रही सीबीआइ ने जिला विकास अभिकरण (डीआरडीए) के निदेशक संजय कुमार से खास जानकारी लेने के लिए दिल्ली बुलाया है। सूत्रों के मुताबिक ये कुछ कागजात लेकर दिल्ली रवाना हो गए हैं। वैसे भागलपुर के जिलाधिकारी आदेश तितमारे ने सीबीआइ को सहयोग करने के ख्याल से इन्हें इस मामले का नोडल अधिकारी बनाया हुआ है। बताया जा रहा है कि तत्कालीन जिलाधिकारी केपी रमैय्या को भी पूछताछ के लिए जल्द बुलाने की सीबीआइ तैयारी कर चुकी है।
दरअसल ज़िला नजारत के नाजिर अमरेंद्र यादव की गिरफ्तारी के बाद सीबीआइ ने तत्कालीन डीएम केपी रमैय्या की लिखी चिट्ठी और सृजन को सहयोग करने वाले उनके आदेश से जुड़ी फाइल डीआरडीए से मांगी थी। मगर यह फाइल घोटाला उजागर होने के बाद से गायब है। काफी खोजबीन के बाबजूद यह फाइल नहीं मिली है। डाक निर्गत रजिस्टर में पत्र का उल्लेख तो दर्ज है। मगर पत्र वाली संचिका गायब है। इसकी सूचना सीबीआई को दे दी गई है।
केपी रमैय्या के भागलपुर जिलाधीश रहते हुए ही सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड को सरकारी जमीन पट्टे पर दी गई थी। यह बात 25 फरवरी, 2004 की है। खनकिता मौजा की खाता संख्या 176 खेसरा नंबर 289 की 24 डिसमिल यानी 24275 वर्ग कड़ी कीमती जमीन सृजन को पट्टे पर दी गई। इसका किराया केवल 200 रुपए महीना तय किया गया।
रमैय्या की सृजन पर मेहरबानी यही नहीं रुकी बल्कि अपने मातहत सरकारी महकमा, सभी बीडीओ, व गैर सरकारी संस्थानों को बाकायदा पत्र लिखकर सृजन बैंक में खाते खोल धन जमा करने का भी फरमान जारी किया। इस आशय का पत्र सुपौल सहकारिता महकमा के अधिकारी पंकज झा के आवास पर छापेमारी के दौरान पुलिस की एसआइटी को मिला था। जिनके लिए पत्र जारी किया गया, वहां तो पत्र की कापी है। मगर जहां से जारी हुआ वहीं से गायब है। सीबीआई वह पत्र जारी किए दफ्तर वाली फाइल से हासिल कर पुख्ता होना चाहती है।