एनडीए से तलाक पर चंद्रबाबू नायडू ने बुलाई आपात बैठक
आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के मुद्दे पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के दो मंत्रियों के इस्तीफे के बाद पार्टी अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने आज (09 मार्च को) पार्टी नेताओं की एक आपात बैठक बुलाई है, जिसमें एनडीए गठबंधन से नाता तोड़ने पर फैसला किया जाएगा। बता दें कि गुरुवार को ही टीडीपी के दो मंत्रियों नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू और विज्ञान एवं प्रावैधिकी राज्य मंत्री वाई एस चौधरी ने मोदी सरकार से इस्तीफा दे दिया था। उधर, आंध्र प्रदेश सरकार से भी बीजेपी कोटे से दो मंत्रियों ने कल ही इस्तीफा दे दिया था। सूत्रों के मुताबिक चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए से अलग होने का मन बना लिया है, इसका ऐलान होना सिर्फ बाकी है। बता दें कि लोकसभा में आंध्र प्रदेश से टीडीपी के 15 सांसद हैं और एक सांसद तेलंगाना से हैं।
उधर, आंध्र प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष जगनमोहन रेड्डी ने चंद्रबाबू नायडू के फैसले की सराहना की है और इसे आंध्र की जनता की जीत कहा है। उन्होंने लगे हाथ चंद्रबाबू नायडू को नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की चुनौती दी है। जगनमोहन ने कहा है कि अगर टीडीपी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी तो उनके सांसद इसका समर्थन करेंगे। इसके साथ ही रेड्डी ने कहा है कि अगर टीडीपी अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाती है तो वाईएसआर कांग्रेस 21 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव लाएगी और टीडीपी को चाहिए कि उसका समर्थन करे। बता दें कि लोकसभा में वाईएसआर कांग्रेस के कुल आठ सांसद हैं।
सूत्र बता रहे हैं कि आंध्र प्रदेश की इन दोनों पार्टियों के नेताओं ने संसद के बजट सत्र के आखिरी दिन सामूहिक इस्तीफा देने का भी मन बना लिया है ताकि राज्य को विशेष दर्जा देने के लिए कंद्र सरकार पर दवाब बनाया जा सके। बता दें कि जब आंध्र प्रदेश से अलग तेलंगाना राज्य बन रहा था, तब विशेष राज्य का दर्जा देने का ऐलान किया गया था। हालांकि अब तक यह मांग पूरी नहीं हो सकी है। राज्य के बंटवारे के बाद से आंध्र प्रदेश को भारी राजस्व का नुकसान झेलना पड़ा है। केंद्र की मोदी सरकार ने भी 2016 में आंध्र प्रदेश के लिए विशेष पैकेज देने की घोषणा की थी, मगर अब तक उसे अमली जामा नहीं पहनाया जा सका है।