राजस्थान की राबड़ी: तब नहीं पढ़ सकी थी शपथ पत्र, इतना ही कहा था- मैं ‘गोलमा बोल रही हूं’
इस साल के अंत तक राजस्थान में विधान सभा चुनाव होने हैं। माना जा रहा है कि राज्य में वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ एंटी एनकम्बेंसी फैक्टर हावी है और शायद इसी वजह से दो लोकसभा और एक विधान सभा सीट पर हुए उप चुनावों में बीजेपी उम्मीदवारों का हार का सामना करना पड़ा है। वैसे बीजेपी के लिए आज (11 मार्च) का दिन थोड़ा सुकून भरा रहा क्योंकि पूर्व मंत्री और मीणा समुदाय के बड़े नेता किरोड़ीलाल मीणा ने पत्नी गोलमा देवी और अन्य एक विधायक के साथ घर वापसी कर ली है। उनकी पत्नी गोलमा देवी भी विधायक हैं। बता दें कि किरोड़ीलाल मीणा ने साल 2008 में वसुंधरा सरकार और बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था।
2008 के विधानसभा चुनाव में किरोड़ी लाल मीणा और गोलमा देवी ने निर्दलीय चुनाव जीता था और त्रिशंकु विधानसभा में कांग्रेस को समर्थन देकर अशोक गहलोत की सरकार बनवाई थी। इसके बदले गोलमा गलोत सरकार में मंत्री बनाई गई थीं। गोलमा तब सुर्खियों में आ गई थीं जब वो मंत्री पद की शपथ नहीं ले पाई थीं और शपथ में बोल गई थीं, “मैं गोलमा देवी बोल रही हूं..” इसके बाद उनसे शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करा लिया गया था। गोलमा देवी को राजस्थान का राबड़ी देवी भी कहा जाता है। जब उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली थी तब वो अनपढ़ थीं। हालांकि, शपथ लेने का अभ्यास उन्होंने किया था पर नर्वस हो गई थीं।
गोलमा फिर विवादों में तब आई थीं, जब उनसे पूछा गया था कि वो पढ़ी-लिखी नहीं हैं तो मंत्रालय कैसे चलाएंगी? तब गोलमा ने कहा था कि उनका पीए काम करेगा, वो ऑर्डर देंगी। उनके पति किरोड़ीलाल मीणा ने तब खुद को एमपी यानी मिनिस्टर पति कहा था। हालांकि, गोलमा देवी ने कुछ महीने बाद ही अशोक गहलोत सरकार से इस्तीफा दे दिया था। 2009 में फिर किरोड़ीलाल मीणा सांसद चुने गए थे।
गोलमा देवी अपने परिधानों को लेकर भी सुर्खियों में रहीं। वो अक्सर राजस्थानी ग्रामीण पारंपरिक वेशभूषा घाघरा और लूगड़ी पहनी नजर आती थीं। उन दिनों इस बात की भी चर्चा थी कि मंत्री होने के बावजूद गोलमा देवी अपने पति के लिए खाना बनाती थीं। उन दिनों बीजेपी से जुड़े कई नेता गोलमा देवी और किरोड़ीलाल मीणा की आलोचना करते थे लेकिन आज वहीं दंपत्ति बीजेपी के लिए सम्मानित बन चुके हैं।