आज से ठीक 25 साल पहले 12 मार्च, 1993 को मुंबई में 12 सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। इन धमाकों ने मुंबई समेत पूरे देश में दहशत पैदा कर दी थी। अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम ने दुबई में रहते हुए इन धमाकों की योजना बनाई थी। दाऊद के इशारे पर उसके साथी टाइगर मेमन ने अपने भाइयों और अन्य साथियों की मदद से इस खौफनाक हमले को अंजाम दिया था। इस हमले में 257 लोगों की जान गई थी और कुल 713 लोग घायल हुए थे। इसके अलावा देश की करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ था। मुंबई धमाकों की भयावह तस्वीरें आज भी सिहरन पैदा कर देती हैं। (All Express Archive Photos)
1993 मुंबई बम ब्लास्ट में स्टॉक एक्सचेंज, सी रॉक होटल, एयरपोर्ट एवं जुहू स्थित दोनों सेंटॉर होटल, एयर इंडिया, शिवसेना भवन, दादर स्थित प्लाजा थिएटर और सेंचुरी बाजार जैसे भवनों को मुख्य रूप से निशाना बनाया गया था।
इस हमले में सार्वजनिक वाहनों को भी निशाना बनाया गया था।
इन हमलों ने देश को पहली बार आतंक के खौफनाक चेहरे से परिचित करवाया था।
दाऊद इब्राहिम ने 6 दिसंबर, 1992 की बाबरी मस्जिद विध्वंस और जनवरी 1993 में मुंबई में हुए सांप्रदायिक दंगों की प्रतिक्रिया में इस हमले को अंजाम दिया था।
इन हमलों की जांच करके इसके गुनहगारों का पता लगाना मुंबई पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था।
हमलों की चार्जशीट दाखिल करने में मुंबई पुलिस को तीन साल का समय लग गया था।
14 साल से अधिक समय के बाद 12 सितंबर, 2006 को इन हमलों के संदर्भ में टाडा अदालत ने अपना फैसला सुनाया।
इस फैसले में 12 दोषियों को फांसी और 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
इन 12 दोषियों में से सिर्फ याकूब मेमन को ही फांसी दी गई जबकि सुप्रीम कोर्ट ने अन्य 11 की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया।