किसान आंदोलन में नासिक से पैदल पहुँचे 40 हजार किसान, लहूलुहान पैरों की ये तस्वीरें हुई वायरल
नासिक से 40 हजार किसानों का जत्था पैदल ही चलकर मुंबई पहुंचा। कोई किसान नंगे पैर रहा तो कोई फटे-पुराने चप्पल पहने हुए। पैदल चलने के कारण तमाम किसानों के पैर जख्मी हो गए और खून निकलने लगा। जत्थे में बच्चे, युवा, महिलाएं और बुजुर्ग सभी उम्र के शामिल रहे। सोशल मीडिया पर ऐसी तमाम तस्वीरें वायरल हो रहीं हैं। जो किसानों के इस परेशानी भरे सफर को बयां करतीं हैं। किसानों का यह जत्था आजाद मैदान में जमा है। ये सभी किसान कर्जमाफी की मांग को लेकर विधानभवन घेरने की तैयारी कर रहे हैं।
सभी किसान महाराष्ट्र के कोने-कोने से पहुंचे हैं। पहले महाराष्ट्र के तमाम इलाकों से किसान नासिक में एकजुट हुए। फिर वहां से पदमार्च निकालकर मुंबई के आजाद मैदान कूच किए। किसान विधानसभा घेरने की तैयारी कर रहे हैं। अधिकांश किसान घर से नंगे पांव ही मुंबई पहुंचे। पैदल चलने के कारण उनके पैरों में छाले पड़ गए और खून रिसने लगा। बावजूद इसके किसानों के हौसले में कोई कमी नहीं आई।
With blisters in the foot.. hunger in their eyes our farmers have walked seeking #fairplay #dignity …this is the Truth because of your Lies and failed promises .. will you give them justice as they knock at your door… before they rise to knock you out #justasking pic.twitter.com/6lry7X0wz1
— Prakash Raj (@prakashraaj) March 12, 2018
वे पांच से छह दिन में दूरी नापकर मुंबई पहुंचने में सफल रहे। बीच-बीच में उत्साह बढ़ाने के लिए किसान लोकगीत गाने के साथ ढोल-मजीरा भी बजाते रहे। सोशल मीडिया पर किसानों के जख्मी पैर और उसमें से निकलते खून की तस्वीरें शेयर कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग तस्वीरें पोस्ट कर कह रहे हैं कि-ये किसान हैं, ये अपनी फसल का उचित मूल्य चाहते हैं, इनके साथ मानवीय व्यवहार होना चाहिए। राजनीति पार्टियों के साथ अब अभिनेता भी किसानों के आंदोलन को सपोर्ट दे रहे हैं। अभिनेता प्रकाश राज और रितेश देशमुख ने किसानों के छाले पड़े पैर की तस्वीरें पोस्ट कर उनके आंदोलन की तरफ लोगों का ध्यान आकृष्ट कराया।
किसानों की मांगः किसान कर्जमाफी के अलावा अन्य कई मांगों पर दबाव बनाने के लिए जुटे हैं। इसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य, स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशें लागू करने, बूढ़े किसानों को पेंशन जैसी मांगें शामिल हैं। यह आंदोलन ऑल इंडिया किसान सभा (एआईकेएस) के बैनर तले चल रहा है। किसानों का आरोप है कि न तो राज्य की फड़णवीस सरकार और न ही केंद्र की मोदी सरकार किसानों के लिए कुछ कर रही है। जबकि अच्छे दिनों को लाने का वादा किया गया था।