पिता के नाम पर रखा गया पोस्‍ट का नाम, पता चला तो महिला लेफ्टिनेंट की आंखों से बह निकले आंसू

अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में 14000 फुट की ऊंचाई पर चीनी सीमा से सटी क्याफो नाम की जगह पर बनी एक भारतीय सेना की चौकी का नाम पढ़कर एक महिला लेफ्टिनेंट की आंखों से आंसू बह निकले। महिला लेफ्टिनेंट को जब पता चला कि चौकी का नाम उसके पिता के नाम पर रखा गया, तो वह भावुक हो गई। चौकी के बाहर बोर्ड पर लिखा है- ”वेलकम टू आशीष टॉप।” इस पोस्ट का नाम कर्नल आशीष दास के नाम पर रखा गया है। कर्नल आशीष दास रिटायर हो चुके हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक महिला लेफ्टिनेंट के पिता रिटायर्ड कर्नल आशीष दास ने बताया- ”मैं घर पर था जब मुझे आशीष टॉप के कमांडिंग ऑफिसर का फोन आया। उन्होंने अपना परिचय दिया और बताया कि कैसे मेरी लड़की मेरे नाम की चौकी के बारे में जानकर रो पड़ी।” उन्होंने आगे बताया- ”मैं अपने परिवार को 1986 में उस सेक्टर में हमारी यूनिट के काम के बारे में जरूर बताता लेकिन तब मेरी लड़की का जन्म नहीं हुआ था।

मुझे भी 2003 में पता चला कि मेरे नाम पर चौकी का नाम रखा जा रहा है। यह 17 वर्षों के बाद था जब हमने 14000 फुट की ऊंचाई पर चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के कब्जे से चौकी को छुड़ाया था चीनी सैनिकों को मात दे दी थी।” दास ने 1986 के उन दिनों को याद करते हुए बताया- ”चीनी सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार कर अरुणाचल प्रदेश की समदोरोंग चू घाटी में काफी भीतर हेलीपेड बना रहे थे और वहां पक्का निर्माण कार्य शुरू किया गया था।

इसके साल भर बाद भारतीय सेना के प्रमुख जनरल के सुंदरजी ने ऑपरेशन फॉल्कन लॉन्च किया था। सैनिको को एयरलिफ्ट कर समदोरोंग के पास जिमिथांग इलाके में ले जाया गया था। हम बम ला होते हुए संगेतसर झील पहुंचे थे। चीनी सैनिक उस पार बैठे हुए थे। इसके बाद हमने कुछ दिनों की कार्रवाई में चीनी सैनिकों को खदेड़ दिया।” उन्होंने बताया कि चीनी सैनिकों से लोहा लेते वक्त भारतीय सैनिकों ने विषम परिस्थितियों में काम किया। सैनिकों को भूखा तक रहना पड़ा था।

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