जम्मू के शिव मंदिर पहुंचे रजनीकांत के तहसीलदार ने छुए पैर

सुपरस्टार रजनीकांत के फैन्स हर जगह हैं। दक्षिण भारत से लेकर जम्मू-कश्मीर तक उन्होंने अपना जलवा बिखेरा है। वह जहां कहीं भी जाते हैं उनके फैन्स उनसे मिलने के लिए बेताब रहते हैं। रजनीकांत इस वक्त 15 दिनों की हिमालय की तीर्थयात्रा पर हैं। इस यात्रा के दौरान वह जहां भी जा रहे हैं उनके फैन्स उनसे मिलने पहुंच रहे हैं। रविवार को इस सुपरस्टार ने जम्मू के शिव खोरी मंदिर के दर्शन किए। उन्होंने वहां करीब दो घंटे तक पूजा की। जम्मू में भी इस सुपरस्टार के प्रशंसक उनकी एक झलक पाने के लिए बेताब दिखाई दिए। जम्मू के एक तहसीलदार भी रजनीकांत के बहुत बड़े फैन हैं। रिपब्लिक के मुताबिक शिव मंदिर के दर्शन के दौरान जम्मू के एक अधिकारी उनसे मिलने पहुंच गए। रजनीकांत ने भी समय देकर तहसीलदार फैन से बात की और उनकी शर्ट पर हस्ताक्षर भी किए। अपने पसंदीदा अभिनेता का हस्ताक्षर पाकर तहसीलदार बेहद खुश हुए और उन्होंने रजनीकांत के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लिया।

जम्मू के तहसीलदार ने सुपरस्टार रजनीकांत के पैर छूए

बता दें कि रजनीकांत हिमालय की यात्रा के दौरान राजनीति के मुद्दे पर कोई बात नहीं करना चाहते हैं। उनसे जब राजनीति संबंधित सवाल किया गया तब उन्होंने साफ कह दिया कि वह आध्यात्मिक दौरे पर राजनीति की बात नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं एक आध्यात्मिक व्यक्ति हूं। यहां से मैं ऋषिकेश जाऊंगा। जब मैं राजनीति से पूरी तरह जुड़ जाउंगा मैं हर सवाल का जवाब दूंगा।’

मंगलवार को यात्रा के दौरान रजनीकांत ने कहा कि वह अभी एक पूर्णकालिक राजनेता नहीं बने हैं और उनकी हिमालय की आध्यात्मिक यात्रा का उद्देश्य खुद को महसूस करना है। रजनीकांत ने यहां दयानंद सरस्वती आश्रम में संवाददाताओं से कहा, “मैं अभी पूर्णकालिक राजनीतिज्ञ नहीं बना हूं। मैंने अपनी पार्टी की घोषणा नहीं की है। मैं अभी राजनीति पर कोई बात नहीं करना चाहता।” रजनीकांत कुछ दिन यहां रहकर ध्यान करेंगे। रजनीकांत ने घोषणा की है कि उन्होंने तमिलनाडु की राजनीति के खालीपन को भरने के लिए राजनीति में प्रवेश किया है। वह हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला और जम्मू की शिव गुफा की यात्रा के बाद यहां पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि वह आध्यात्मिक यात्रा पर हिमालय आए हैं और इसका उनकी राजनीतिक पार्टी शुरू करने के साथ कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा, “यह पहली बार नहीं है। मैं यहां कई बार आ चुका हूं। खुद को महसूस करना ही आध्यात्मिकता है।”

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