UP उपचुनाव परिणाम 2018: गोरखपुर मतगणना केंद्र पर पत्रकारों की एंट्री बैन, सपा ने की शिकायत, आयोग ने दी सफाई
गोरखपुर के कलेक्टर ने काउंटिंग एरिया में मीडिया के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। चुनाव आयोग द्वारा मीडियाकर्मियों को पास वितरित करने के बावजूद डीएम ने पत्रकारों को मतगणना केंद्र के अंदर घुसने की इजाजत नहीं दी। चुनाव आयोग ने अब इस पर सफाई दी है। आयोग ने कहा, ‘कलेक्टर (राजीव रौतेला) प्रत्येक राउंड के बाद खुद मीडिया को जानकारी दे रहे हैं। पर्यवक्षकों द्वारा मुहैया आंकड़ों की लगातार घोषणा की जा रही है। मीडियाकर्मी सुबह से ही मतगणना परिसर में मौजूद हैं। चुनाव आयोग के निर्देशों के मुताबिक, ईवीएम के पास जाने की इजाजत किसी को नहीं है। परिसर के अंदर ही एक मीडिया सेंटर बनाया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, योगी आदित्यनाथ के प्रभावक्षेत्र गोरखपुर में समाजवादी पार्टी द्वारा बीजेपी को कड़ी टक्कर देने के तुरंत बाद ही मीडिया रिपोर्टिंग को प्रतिबंधित कर दिया गया था। बता दें कि उत्तर प्रदेश की दो लोकसभा सीटों (गोरखपुर और फूलपुर) के लिए 11 मार्च को उपचुनाव हुए थे। सपा ने जिला प्रशासन पर भाजपा उम्मीदवार को जिताने का आरोप लगाया है। वहीं, भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि गोरखपुर के कलेक्टर को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ही नियुक्त किया था।
सपा ने दर्ज कराया विरोध: गोरखपुर के कलेक्टर द्वारा मीडिया को प्रतिबंधित करने पर उत्तर प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी सपा ने औपचारिक तौर पर विरोध दर्ज कराया है। नरेश उत्तम पटेल ने राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी को पत्र लिखकर गोरखपुर में पत्रकारों और आमलोगों को मतगणना केंद्र से हटाने की शिकायत की है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन भाजपा उम्मीदवार को जिताने के लिए काम कर रहा है।
नरेश पटेल ने लिखा, ‘गोरखपुर उपचुनाव के लिए मतगणना शुरू होते ही पुलिस ने लाठी चार्ज कर लोगों को भगा दिया। कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी ने सपा कार्यकर्ताओं को भी मतगणना केंद्र से बाहर करा दिया गया। जिला प्रशासन मुख्यमंत्री के दबाव में भाजपा प्रत्याशी को जिताने में जुट गया है। मीडियाकर्मियों को भी मतगणना स्थल से बाहर कर दिया गया है, ताकि कोई इसकी सूचना ही न दे सके।’ सपा नेता ने काउंटिंग में भारी धांधली करने का भी आरोप लगाया है। नरेश पटेल ने राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी से इस पर तत्काल नियंत्रण करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा सरकार जोर-जबरदस्ती से अपने प्रत्याशी को जिता देगी तो चुनाव आयोग का महत्व ही समाप्त हो जाएगा।