गोरखपुर उपचुनाव: योगी आदित्यनाथ के सारे कार्यक्रम रद्द, बुलाई अफसरों की बैठक
गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव के नतीजे बीजेपी के लिए बड़े झटके साबित हुए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की लोकसभा सीट गंवाने के बाद बीजेपी की खासी किरकिरी हो रही है। नतीजों के बाद आदित्यनाथ ने कहा था कि वह जनता के फैसले को स्वीकार करते हैं और वह इसकी समीक्षा करेंगे। ऐसा लगता है कि योगी तुरंत ही इस हार की असल वजह की पड़ताल करने में जुट गए हैं। उन्होंने गुरुवार को अपनी सभी मीटिंग कैंसल कर दी हैं। वह अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। राजनीतिक जानकार इस बैठक को बीजेपी की हार के बाद सीएम की समीक्षा से जोड़कर देख रहे हैं।
बता दें कि जहां योगी 1998 से काबिज थे, उस किले में समाजवादी पार्टी की सेंध लगने की वजह से बीजेपी बैकफुट पर है। इस सीट पर सपा के प्रवीण निषाद ने बीजेपी के उपेंद्र दत्त शुक्ला को 21,881 मतों से हराया। निषाद को चार लाख 56 हजार से ज्यादा वोट मिले। वहीं, बीजेपी कैंडिडेट को चार लाख 34 हजार 632 वोट मिले। वहीं, कांग्रेस की सुरहिता करीम को 18 हजार 844 वोट मिले हैं।
राजनीतिक जानकार गोरखपुर में मिली इस हार की कई वजह बता रहे हैं। कुछ का मानना है कि बड़े पैमाने पर निषाद वोटर्स ने समाजवादी पार्टी कैंडिडेट को वोट दिया, जिसकी वजह से उनकी जीत हुई। कहा जाता है कि गोरखपुर में निषाद समुदाय के करीब साढ़े 3 लाख वोट हैं। वहीं, मायावती के वोटबैंक का भी फायदा मिला। इसके अलावा, कम वोर्टिंग पर्सेंटेज भी बीजेपी के खिलाफ जाता नजर आ रहा है।
स्थानीय रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि कार्यकर्ता अपनी उपेक्षा से बेहद उदासीन थे। उन्होंने जिस तरह की सहूलियतें मांगीं या सिफारिशें कीं, उनकी सुनवाई नहीं हुई। इसी वजह से वे पूरे जी जान से चुनाव में नहीं जुट सके। योगी ने इस हार पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा और बसपा के ‘बेमेल सौदेबाजी’ पर ठीकरा फोड़ा था। उन्होंने कहा कि सपा और बसपा के बीच जो बेमेल सौदेबाजी और गठबंधन हुआ, उसे समझने में भूल हुई और अति आत्मविश्वास का भी पार्टी को नुकसान पहुंचा। योगी ने ऐलान किया है कि पार्टी अब 2019 के लिए तैयारी करेगी।