PNB में एक और बड़ा घोटाला, जिस ब्रांच में नीरव मोदी का खाता, उसी में हुआ घपला
पंजाब नेशनल बैंक में एक और घोटाला सामने आया है। वित्तीय फर्जीवाड़ा का नया मामला भी मुंबई स्थित ब्रैडी हाउस शाखा से जुड़ा है। नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने इसी शाखा से देश के सबसे बड़े बैँकिंग घोटाले को अंजाम दिया था। PNB की ओर इस बाबत शिकायत मिलने पर सीबीआई ने छानबीन शुरू कर दी है। जांच एजेंसी के मुताबिक, चांदरी पेपर एंड एलाइड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों ने बैँक को 9.1 करोड़ रुपये का चूना लगाया है। हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी ने पीएनबी की इसी शाखा के अधिकारियों से मिलीभगत कर बैंक को दो अरब डॉलर से भी ज्यादा (13,580 करोड़ रुपये) का चूना लगाया था। ब्रैडी हाउस शाखा से रिटायर्ड हुए गोकुलनाथ शेट्टी और मनोज खरट को गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन नीरव और मेहुल चोकसी देश से फरार हैँ। जांच एजेंसियां पूछताछ के लिए पेश होने को लेकर दोनों के खिलाफ नोटिस भी जारी कर चुकी है। लेकिन, हजारों करोड़ रुपये के घोटाले के दोनों आरोपियों ने देश लौटने से इनकार कर दिया है।
एलओयू से लगाया था हजारों करोड़ का चूना: नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के जरिये पीएनबी को 13 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगाया था। दोनों ने गोकुलनाथ और मनोज खरट के साथ मिलकर बिना किसी सिक्योरिटी के एलओयू जारी कराते रहे थे। गोकुलनाथ के सेवानिवृत्त होने के बाद उनकी जगह पर दूसरे अधिकारी को नियुक्त किया गया था, जिन्होंने बिना सिक्योरिटी के एलओयू जारी करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद जाकर घोटाले का भेद खुला था। सीबीआई के अनुसार, नीरव और मेहुल ने सिक्योरिटी तो दूर की बात न्यूनतम कमीशन भी पीएनबी की ब्रैडी हाउस शाखा को नहीं दी थी। जांच एजेंसी का कहना है कि दोनों को मुफ्त में ही एलओयू जारी किए जाते रहे थे। ब्रैडी हाउस शाखा की ओर से 6,498 करोड़ रुपये मूल्य के 150 एलओयू फ्री में ही जारी कर दिए गए थे। ऐसे में कमीशन के तौर पर भी बैंक को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। बता दें कि हजारों करोड़ के घोटाले के बाद आरबीआई ने एलओयू को ही प्रतिबंधित कर दिया है।