मानहानि केस खत्म कराने के लिए अरुण जेटली से लिखित माफी मांगेंगे अरविंद केजरीवाल?
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल अब अपने व पार्टी नेताओं पर चल रहे मानहानि के मुकदमे खत्म करना चाहते हैं। पिछले साल अगस्त में उन्होंने हरियाणा बीजेपी के नेता अवतार सिंह भदाना से माफी मांगी थी। AAP के मुखिया ने 2014 में उन्हें ‘भ्रष्ट’ कह दिया था। गुरुवार (15 मार्च) को केजरीवाल ने पंजाब शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया से माफी मांगी और इस संबंध में अपना पत्र भी अदालत के सामने रखा। दिल्ली के मुख्यमंत्री की ओर से कई बार सावजनिक मंचों से मजीठिया पर अवैध ड्रग्स के धंधे में शामिल होने का आरोप लगाया जाता रहा। अरविंद केजरीवाल पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी मानहानि का मुकदमा दायर कर रखा है।
केजरीवाल ने जेटली पर 13 साल तक दिल्ली डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) का अध्यक्ष रहते हुए भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया था। एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि पार्टी अपने नेताओं पर चल रहे 20 से अधिक मानहानि के मामलों को खत्म करने के लिए इसी रणनीति पर चलेगी। ऐसे में यह कयास लग रहे हैं कि केजरीवाल एक चिट्ठी भेजकर जेटली से भी माफी मांग सकते हैं।
दिसंबर, 2015 में जेटली ने केजरीवाल और आप नेताओं- कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह, राघव चड्ढा और दीपक वाजपेयी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज किया था और कहा था डीडीसीए मामले में वे ‘झूठे और अपमानजनक’ आरोप लगा रहे हैं, जिससे उनकी प्रतिष्ठा प्रभावित हो रही है। जेटली ने इस मामले में 10 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति मांगी है।
अरविंद केजरीवाल ने बिक्रम मजीठिया को लिखे पत्र में कहा, ”अब जब मुझे पता चल गया कि आरोप निराधार हैं… मैं आपके खिलाफ दिए गए सभी बयानों और आरोपों के लिए क्षमा मांगते हुए उन्हें वापस लेता हूं।” पंजाब चुनावों के लिए प्रचार के दौरान केजरीवाल ने प्रकाश सिंह बादल सरकार को ड्रग माफिया और अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया था। उनके निशाने पर मुख्य रूप से मजीठिया ही रहे थे।