उपचुनाव में हार के बाद समय से पहले ही लोकसभा चुनाव करा सकती है बीजेपी, मायावती ने जताया अंदेशा
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने गुरुवार को कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार के संसदीय उपचुनावों में करारी हार के बाद भाजपा समय से पहले लोकसभा चुनाव करा सकती है। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और फूलपुर में उपचुनावों में समाजवादी पार्टी का समर्थन करने वाली पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी कोशिश भाजपा को सबक सिखाने की थी। यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए मायावती ने केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार को तानाशाही करार दिया और आरोप लगाया कि उसने साल 1975 में कांग्रेस सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल को भी पीछे छोड़ दिया। मायावती ने सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने और संवैधानिक संगठनों तथा मीडिया को प्रभावहीन बनाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में, हम भाजपा को सबक सिखाना चाहते थे और हमने सपा उम्मीदवारों को समर्थन देने का फैसला किया ताकि वह मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री द्वारा खाली सीटें हारे… उनकी इन नतीजों से नींद उड़ गई है।’’
गोरखपुर और फूलपुर सीटों पर सपा ने भाजपा को करारी शिकस्त दी। ये सीटें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के विधान परिषद की सदस्यता लेने के बाद खाली हुई थीं। बिहार की अररिया सीट पर राजद ने भाजपा को हराया। मायावती ने कहा, ‘‘कल के नतीजों से, पूरी संभावना है कि भाजपा लोकसभा चुनाव समय से पहले कराए जबकि यह चुनाव2019 में होने हैं।’’ उन्होंने कहा कि पार्टी सात आठ राज्यों के विधानसभा चुनावों के साथ लोकसभा चुनाव करा सकती है। उन्होंने रैली में कहा, ‘‘वे जानते हैं कि वे जितनी देर करेंगे, उनके लिए यह और ज्यादा नुकसानदेह हो सकता है।’’
ईवीएम छेड़छाड़ के आरोपों के संदर्भ में मायावती ने कहा कि आगामी चुनावों में केवल मतपत्रों का प्रयोग होना चाहिए। लोगों से भाजपा जैसे दलों को सत्ता में फिर से नहीं आने देने का अनुरोध करते हुए बसपा प्रमुख ने कहा कि केन्द्र की भाजपा नीत सरकार के प्रदर्शन से ज्यादातर लोग निराश हैं और उन्होंने उन्हें झूठे और लुभावने चुनावी वादों को लेकर चेताया। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मोदी ने भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए नारा दिया था ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’। लेकिन ललित मोदी, विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे लोगों से जुड़े करोड़ों रुपयों के घोटाले सामने आए जिसने साबित किया कि नारे खोखले हैं। ये भ्रष्ट लोग सरकार की परोक्ष मदद से विदेशों में जीवन का आनंद ले रहे हैं।’’
सरकार पर भ्रष्टों से प्राप्त कालाधन पूंजीपतियों को देने का आरोप लगाते हुए बसपा सुप्रीमो ने कहा कि इस धन का प्रयोग महंगाई कम करने और गरीब जनता की भलाई के लिए किया जा सकता था। बसपा प्रमुख आरएसएस की हिन्दुत्व विचारधाराके खिलाफ भी बोलीं और इसे जातिवादी, तुच्छ एवं सांप्रदायिक मानसिकता वाला होने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार द्वारा दलित और पिछड़े वर्ग के जिन लोगों को उच्च पद दिए गए हैं वे बंधुआ मजदूर की तरह काम कर रहे हैं।
मायावती ने भाजपा सरकार पर देश को विपक्ष मुक्त बनाने के लिए अपने विरोधियों के खिलाफ ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार और कालेधन पर लगाम कसने के नाम पर वे अपने राजनीतिक विरोधियों को निशाना बना रहे हैं। जबकि वे अपने नेताओं पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को ढक रहे हैं।’’ मायावती ने दावा किया कि जनता नोटबंदी और जीएसटी से नाखुश है क्योंकि इन्हें उचित तैयारी के बिना लागू किया गया।