मजीठिया से माफी मांगी तो अरविंद केजरीवाल से और नाराज हुए कुमार विश्वास? कविता से कसा तंज
आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास अपने दल के मुखिया द्वारा पंजाब शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया से माफी मांगने से खफा दिख रहे हैं। ऐसा मानना है उनके दो ट्वीट्स पर प्रतिक्रिया देने वालों का। दरअसल, केजरीवाल की ओर से माफी मांगे जाने की खबर आने के बाद विश्वास ने ट्वीट किया, ”हमने कहा अभी मत बदलो, दुनिया की आशाएँ हम हैं! वे बोले अब तो सत्ता की वरदायी भाषाएँ हम हैं! हमने कहा व्यर्थ मत बोलो, गूँगों की भाषाएँ हम हैं! वे बोले बस शोर मचाओ, इसी शोर से आए हम हैं!” इसके लगभग 20 मिनट बाद एक और ट्वीट में उन्होंने कहा, ”एकता बाँटने में माहिर है, खुद की जड़ काटने में माहिर है, हम क्या उस शख़्स पर थूकें जो खुद, थूक कर चाटने में माहिर है!” लोगों ने इसे अरविंद केजरीवाल पर सीधा निशाना समझा और वैसी ही प्रतिक्रिया दी।
एक यूजर ने अरविंद केजरीवाल का माफीनामा साझा करते हुए कहा, ”आपकी इसी कविता को सार्थक करती तस्वीर। वो बोले दरबार सजाओ।” दीप ने कहा, ”डॉ साहब, जिस तरह अरविंद केजरीवाल जी ने अपने निजी स्वार्थ के लिए कुमार जैसे स्पष्टवादी मित्र को दरकिनार किया, दोस्ती से विश्वास डगमगा गया। किसी की मदद के लिए स्वार्थहित मन जैसे ही आगे बढ़ता है उसी क्षण AK का विश्वासघात याद आ जाता है और मन पीछे हट जाता है, खिन्न हो जाता है।”
एक यूजर ने चुटकी लेते हुए कहा, ”भैया आप पर भी तो मानहानि के मुकदमे हो रखे हैं , आप कया करोगे? पर हां आप तो राजनाथ जी के यहां चाय पीकर मामले सुलझा दोगे। अरविंद जी की ऐसी किस्मत कहां।” रंजीत सिंह ने लिखा, ”इनके पास इतने सबूत थे कि सरकार बनते ही मजिठिया को जेल में डाल देते, आज उन सबूतों को कहाँ डाल लिया। रैली में झूठ, जनता से झूठ, साथियों से झूठ, परिवार से झूठ, विधानसभा में झूठ, TV पर झूठ, बजट में झूठ, सीलिंग पर झूठ।”