हरियाणा: बलात्कारियों को फांसी का फैसला
हरियाणा में 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ बलात्कार और सामूहिक बलात्कार करने वालों पर सरकार ने शिकंजा कस दिया है। अब ऐसे अभियुक्तों को राज्य सरकार ने फांसी देने का फैसला किया है। हालांकि इस संबंध में कुछ दिन पहले राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय ले लिया गया था लेकिन गुरुवार को विधानसभा में बिल पास होने के बाद राज्य सरकार के फैसले पर सदन की मोहर लग गई। हरियाणा देश का तीसरा ऐसा राज्य है, जहां बच्चियों से बलात्कार के दोषियों को फांसी की सजा होगी। इससे पहले मध्य प्रदेश और राजस्थान की सरकारें भी इस तरह का कठोर फैसला ले चुकी हैं। संसदीय कार्यमंत्री प्रो़ रामबिलास शर्मा ने यह विधेयक पेश किया। इस पर विपक्षी दल इनेलो व कांग्रेस विधायकों ने अपने-अपने सुझाव भी दिए। हालांकि सुझावों के बाद विधेयक में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ लेकिन सरकार ने यह जरूर साफ कर दिया कि अगर इसके बाद भी कानून में बदलाव की जरूरत पड़ेगी तो वह होंगे। कानून में यह भी प्रावधान किया गया है कि 12 साल से कम उम्र की बच्चियों का शील भंग करने की कोशिश भी होती है तो दोषियों को कम से कम 2 और अधिकतम 7 साल की सजा होगी।
दूसरी ओर इसी तरह का अपराध करने या फिर बच्चियों का पीछा करने के मामले में भी कठोर सजा होगी। इसके लिए कम से कम 3 और अधिकतम सात साल की सजा का संशोधित विधेयक में प्रावधान किया है। यही नहीं, इस तरह के जघन्य अपराध में कम से कम 14 साल की सजा का प्रावधान रहेगा, जिसे उम्रकैद तक भी बढ़ाया जा सकेगा। इस बिल को पास करने से पहले सदन में कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी ने सुझाव दिया कि 12 साल से कम उम्र की बच्चियां ही नहीं, किसी भी उम्र की महिला के साथ बलात्कार के मामले में इस सजा का प्रावधान होना चाहिए।
पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने कानून में बदलाव के साथ-साथ यौन उत्पीड़न के मामलों की जल्द सुनवाई के लिए अलग से कोर्ट स्थापित करने की मांग उठाई। कर्ण सिंह दलाल ने कहा कि कानून में यह प्रावधान भी किया जाना चाहिए कि इस तरह के मामलों में जांच अधिकारी कम से कम डीएसपी स्तर के अधिकारी होंगे।
महिला व बाल विकास मंत्री कविता जैन ने साफ किया कि छोटी बच्चियों के साथ सामूहिक बलात्कार के मामलों में सभी जिलों के एसपी को सख्त हिदायतें पहले ही दी जा चुकी हैं। इस तरह के मामलों में आइपीएस स्तर के अधिकारी मौके पर जाएंगे और तुरंत एक्शन लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि कठोर कानून के साथ-साथ समाज को अपनी मानसिकता भी बदलनी होगी।