योगी आदित्यनाथ के चलते हारे गोरखपुर और फूलपुर- बीजेपी नेताओं ने गिनाए कारण

गोरखपुर और फूलपुर में बीजेपी की हार के बाद पार्टी में लगातार असंतोष के स्वर सुनाई पड़े रहे हैं। बीजेपी के नेता दबी जुबान से ही सही, इन उपचुनावों में पार्टी की हार के लिए जातिगत समीकरणों की अनदेखी, मंत्रियों की बयानबाजी और गौहत्या पर रोक के प्रभाव को जिम्मेदार मान रहे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ के एक समर्थक ने प्रत्याशी के चुनाव में गड़बड़ी को भी हार की वजह माना है। टेलिग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी नेतृत्व इस उपचुनाव में जातीय समीकरण को समझने में फेल रहा। उत्तर प्रदेश के एक अति पिछड़ी सांसद ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा कि पिछले साल बीजेपी की अप्रत्याशित सफलता की वजह गैर यादव, ओबीसी और गैर जाटव दलित वोटों का समर्थन था, लेकिन चुनाव जीतने के बाद एक ठाकुर को मुख्यमंत्री बना दिया गया, जबकि एक ओबीसी की जगह पर एक ब्राह्मण को पार्टी का स्टेट चीफ बना दिया गया।

इस सांसद ने टेलिग्राफ से यह भी कहा कि पुलिस स्टेशन और सरकारी दफ्तरों में गरीब और दबे-कुचले लोगों की आवाज नहीं सुनी जा रही थी। बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव से बहुत पहले केशव प्रसाद मौर्य, जो  गैर यादव ओबीसी हैं, को राज्य का पार्टी अध्यक्ष बनाया गया था, हालांकि जब सीएम चुनने की बात आई तो पार्टी ने भगवाधारी योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री चुना। बाद में पार्टी अध्यक्ष के तौर पर महेन्द्र पांडे को जिम्मेदारी दी गई। बीजेपी ने केशव प्रसाद मौर्या को डिप्टी सीएम तो बनाया, लेकिन सत्ता के गलियारों में कयास लगाये जाते हैं कि उनके पास ज्यादा पावर नहीं है।

मोहनलाल गंज से बीजेपी एमपी किशोर कौशल ने कहा कि योगी सरकार ने 120 दिनों में लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने का वादा किया था, सरकार ने कोशिशें भी की, लेकिन अधिकारी योजनाओं को धरातल पर उतार नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा, ” गरीब और पिछड़े अभी भी परेशान हैं और उनकी कोई नहीं सुनता है।” टेलिग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, मछली शहर से सांसद राम चरित्र निषाद ने कहा कि किसानों की परेशानी, कर्ज माफी योजना के कार्यान्वयन में कमी और गौहत्या पर रोक के प्रभाव भी ग्रामीण इलाकों में बीजेपी के प्रति लोगों में गुस्से की वजह हैं। उन्होंने कहा, “बड़ी संख्या में सांड़ और बूढ़ी गायें किसानों के फसलों को नुकसान पहुंचा रही है, यह किसानों के लिए समस्याओं की बड़ी वजह बन गई है, लोग गुस्से में है।”

इलाहाबाद से पार्टी सांसद श्यामा चरण गुप्ता ने कहा सरकार के मंत्री नंद गोपाल नंदी के बयान को भी हार से जोड़ कर देखा। उन्होंने कहा, “मुझे बहुत दुख हुआ, जब मैंने सुना कि कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल मुलायम सिंह यादव, उनके परिवार वालों और मायावती जी के खिलाफ ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे लोग बीजेपी से चिढ़े हुए थे और उन्होंने हमें सबक सिखाया।” बता दें कि नंद गोपाल ने मुलायम सिंह यादव की तुलना रावण और मायावती की तुलना शूर्पणखा से की थी। यह बयान उन्होंने फूलपुर में एक चुनावी सभा में 5 मार्च को दिया था।

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