यूपी में हार पर एनडीए नेता ने कहा- भाजपा के लिए चिंता की बात, नए सिरे से सोचना होगा
बिहार और उत्तर प्रदेश के लोकसभा उपचुनावों में हार के बाद हर तरफ से सवाल उठने लगे हैं। हार के कारणों पर विचार करने और नए सिरे से सोचने की बात कही जाने लगी है। अब NDA के घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के नेता और सांसद चिराग पासवान ने बीजेपी को सोच-विचार करने को कहा है। उन्होंने कहा, ‘जहां तक बिहार में हुए उपचुनाव का सवाल है तो वहां NDA को चिंता करने की जरूरत नहीं है। लेकिन, उत्तर प्रदेश में हुए लोकसभा उपचुनाव के परिणाम चिंता के कारण हैं। खासकर मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) के गृह क्षेत्र गोरखपुर को लेकर ज्यादा परेशानी है। NDA खासकर बीजेपी को अपनी रणनीतियों पर फिर से काम करने की जरूरत है। इसकी और भी ज्यादा जरूरत है जब उत्तर प्रदेश और केंद्र में आपको प्रचंड बहुमत हासिल है।’
बता दें कि बिहार और उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनावों में बीजेपी की हार पर पार्टी के भी कुछ नेताओं ने टिप्पणी की थी। गिरिराज सिंह ने कहा था कि कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलना पड़ेगा। वहीं, पार्टी के राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने भी हार के बाद योगी आदित्यनाथ की तीखी आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि जो नेता अपनी सीट पर चुनाव नहीं जितवा सकता है उसे बड़ा पद देना लोकतंत्र में आत्महत्या करने जैसा है। स्वामी ने कहा था, ‘पार्टी में कई लोकप्रिय नेता है, लेकिन उन्हें कोई पद नहीं दिया गया। जो लोग जनता के लिए काम नहीं करते हैं, उन्हें खास पद दिया जाएगा तो अहंकार आना लाजमी है। अभी देर नहीं हुई है, गलतियों को ठीक किया जा सकता है।’
As far as #Bihar by-poll is considered NDA doesn’t have to worry, but results of UP by-poll, especially #Gorakhpur being home turf of CM,is a cause of worry. NDA, specifically BJP,needs to re-work strategy,more so when you have huge majority both in UP & centre: Chirag Paswan.LJP pic.twitter.com/RJ8iaFReU6
— ANI (@ANI) March 16, 2018
लोकसभा उपचुनावों में मिली करारी हार के बाद उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनावों से बीजेपी के दो उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस ले लिए थे। विद्यासागर सोनकर और सलिस विश्नोई ने हार के बाद अपना नाम वापस लेने का फैसला किया था। योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर और फूलपुर की सीटें खाली हुई थीं। केंद्र और राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा दोनों ही सीटें हार गई। दोनों जगहों से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी। गोरखपुर सीट से सीएम आदित्यनाथ लगातार पांच बार से चुनाव जीतते आ रहे थे, वहीं फूलपुर की सीट वर्ष 2014 में पहली बार भाजपा के खाते में आई थी। दोनों सीटों से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के आने के बावजूद भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। खासकर गोरखपुर की सीट गंवाने से भाजपा का शीर्ष नेतृत्व सकते में है।