रोहिंग्या मामला: केंद्रीय मंत्री बोले- भारत को ‘विलेन’ बनाने की सोची-समझी कवायद
गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू ने रोहिंग्या मामले में भारत की ‘खलनायक’ जैसी छवि बनाने की कोशिशों की आलोचना करते हुए कहा है कि यह देश की छवि धूमिल करने की सोची समझी कवायद है। रिजीजू का आज यह बयान संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख जेड राद अल हुसैन द्वारा म्यांमार के रोहिंग्या शरणार्थियों को भारत से वापस भेजने की आलोचना करने के दो दिन बाद आया है। रिजीजू ने कहा कि गैरकानूनी तरीके से भारत में प्रवेश करने वाले रोहिंग्या समुदाय के लोगों के मामले में भारत की आलोचनाओं में देश की सुरक्षा को नजरंदाज किया गया है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ‘‘इस मामले में भारत को खलनायक बताना भारत की छवि को धूमिल करने की सोची समझी कवायद है। इन आलोचनाओं में भारत की सुरक्षा को नजरंदाज किया गया है।’’ केन्द्र सरकार म्यांमार में कथित उत्पीड़न के कारण भारत आए रोहिंग्या मुस्लिमों को अवैध अप्रवासी मानते हुए भारत से वापस भेजने की योजना बना रही है। रिजीजू पहले भी कह चुके हैं कि भारत आये रोहिंग्या समुदाय के लोग अवैध अप्रवासी हैं और इन्हें वापस भेजा जायेगा। उन्होंने कहा था कि भारत में पहले से ही मौजूद शरणार्थियों की संख्या विश्व में सर्वाधिक है।
सरकार ने गत नौ अगस्त को संसद में बताया था कि मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक भारत में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों की संख्या 14 हजार से ज्यादा है। ये सभी संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी (यूएनएचसीआर) में पंजीकृत शरणार्थी के रूप में भारत में रह रहे हैं। हालांकि अन्य रिपोर्टों के हवाले से सरकार को आशंका है कि लगभग 40 हजार रोहिंग्या अप्रवासियों के उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, जम्मू कश्मीर और आंध्र प्रदेश में गैरकानूनी तरीके से रह रहे हैं।
ध्यान रहे कि म्यांमार के अल्पसंख्यक मुसलमानों का पलायन जारी है। कुछ हफ्तों पहले शुरू हुई हिंसा में सौ से ज्यादा रोहिंग्या मुसलमान मारे जा चुके हैं। कुछ रिपोर्ट में मारे जाने वाले रोहिंग्या की संख्या 400 तक बताई जा रही है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार करीब कई लाख रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश एवं अन्य देशों में पलायन कर चुके हैं। म्यांमार में ताजा हिंसा तब शुरू हुई जब कथित तौर पर रोहिंग्या मुसलानों को हथियारबंद कट्टरपंथी संगठन ने सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया था। रोहिंग्या मुसलमानों का आरोप है कि उसके बाद से ही म्यांमार की सेना रोहिंग्या की “हत्या” कर रही है।