BAN vs SL: दिग्गज कमेंटेटर हर्षा भोगले ने बताया, मैच में हंगामे के लिए कौन था जिम्मेदार
निदास ट्रॉफी 2018 के आखिरी नॉकआउट मुकाबले में बांग्लोदश ने श्रीलंका को दो विकेट से हरा दिया। रोमांचक टी20 मैच में विवाद भी कम नहीं रहे। पहले श्रीलंकाई गेंदबाज के विकेट झटकने के बाद ‘बीन बजाने’ का इशारा करने पर विवाद हुआ। इसका जवाब बांग्लादेशी टीम ने मैच जीतने के बाद ‘नागिन डांस’ करके दिया। बांग्लादेश ने इस मैच में शानदार प्रदर्शन किया और पहले बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंका को 20 ओवरों में सात विकेट के नुकसान पर 159 पर सीमित कर दिया। आखिरी ओवर में बांग्लादेश को 12 रनों की दरकार थी। इसुरु उदाना ने आखिरी ओवर की पहली गेंद मुस्तफिजुर रहमान को फेंकी लेकिन इस बाउंसर को रहमान खाली खेल गए। श्रीलंका ने रिव्यू लिया जो गलत साबित हुआ। अगली गेंद भी बाउंसर रही और इस पर रन लेने के प्रयास में रहमान आउट हो गए। चार गेंद में 12 रन चाहिए थे। इसी समय बांग्लादेश के खिलाड़ियों का श्रीलंकाई खिलाड़ियों से विवाद हो गया।
बांग्लादेशी कप्तान शाकिब अंपायर से जिरह करने लगे और इसी दौरान उन्होंने अपनी टीम को वापस बुला लिया। हालांकि कोच खालिद महमूद ने बल्लेबाजों को वापस भेजा और अगली ही गेंद पर महमुदुल्लाह ने चौका मार दिया। इसके बाद दो रन लिए। बांग्लादेश को जीतने के लिए दो गेंदों में छह रन चाहिए थे। पांचवीं गेंद पर महामुदुल्लाह ने छक्का मार अपनी टीम को जीत दिलाई। इस पूरे प्रकरण पर दिग्गज कमेंटेटर हर्षा भोगले ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने लिखा, ”पोस्ट मैच इंटरव्यू में जिस समय तमीम इक़बाल ने कहा कि स्कवायर लेग अंपायर ने इसुरु उदाना की दूसरी शॉर्ट बॉल गेंद को नो-बॉल करार दिया, यह साफ हो गया था कि कल (16 मार्च की रात) जो भुला देने वाले पल हुए, वहीं समस्या हुई। जो मैंने सुना है, उससे ऐसा लगता है कि जो पहली शॉर्ट पिच गेंद फेंकी गई थी, स्कवायर लेग अंपायर ने इशारा कर दिया था कि यह ओवर की एक बाउंसर हो चुकी है। लेकिन चूंकि बल्लेबाज ने बल्ला चलाया (शॉट मिस हो गया) और एक रेफरल था, गेंदबाजी छोर पर खड़े अंपायर ने ओवर की बाउंसर का इशारा नहीं किया। उदाना को भी यह नहीं बताया गया था।”
हर्षा ने आगे लिखा, ”अब जैसे ही दूसरी शॉर्ट पिच गेंद फेंकी गई, स्कवायर लेग अंपायर ने, सही तरीके से नो-बॉल का इशारा किया। स्पष्ट है कि उन्हें नहीं पता था कि उनके सहयोगी ने गेंदबाज को नहीं बताया है कि उसने पहले ही एक बाउंसर फेंक दी है। और इस वजह से गेंदबाजी छोड़ पर खड़े अंपायर अपनी जगह सही रहते हुए, चूंकि उन्होंने गेंदबाज को नहीं बताया था कि उसके ओवर की बाउंसर खत्म हो चुकी है, दूसरे बाउंसर के लिए सजा नहीं दे सकते थे।”
हर्षा के मुताबिक, ”ऐसा लगता है कि यह, मूल रूप से गेंदबाजी छोड़ पर खड़े अंपायर की गलती थी। बांग्लादेश के खिलाड़ियों के पास नाराज होने की वजह थी क्योंकि फाइनल दांव पर था, लेकिन इससे जो कुछ हुआ, उसे सही नहीं ठहराया जा सकता। घटना के बाद जो हुआ, वह मान्य नहीं है और मुझे उम्मीद है कि सभी, देशभक्त फैंस भी यह समझेंगे।”