‘शरीयत हमारी पहचान है और तीन तलाक बिल मंजूर नहीं’ नारों के साथ मुस्लिम महिलाओं ने निकाला जुलूस

शरीयत हमारी पहचान है और तीन तलाक बिल मंजूर नहीं‘ नारों के साथ मुस्लिम महिलाओं ने जुलूस निकाला। इसके साथ ही केन्द्र सरकार से मांग की गई कि तीन तलाक पर पारित होने वाले बिल को वापस लिया जाय। कहा गया कि मुस्लिम पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप न किया जाये। तलाक बिल के खिलाफ रविवार को मुस्लिम बुर्कापोश महिलाओं ने खामोश रैली निकाली। हालांकि इसके पहले भी जमाअते इस्लामी की महिला विंग तीन तलाक बिल का विरोध कर चुकी है। महिलाओं का कहना था कि उन्हें शरीयत में हस्तक्षेप कुबूल नहीं है। तख्ती पर लिखा था‘शरीयत इस्लामी ही हमारी जिंदगी है। मुस्लिम पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप न किया जाए।

जुलूस यतीमखाना चौराहा से रवाना होकर मुख्य मार्ग से होते हुए तलाक महल, बेकनगंज, रूपम और हुमायूंबाग होते हुए हलीम इंटर चाराहे पर पहुंच कर खत्म हुआ। रैली में स्कूल और मदरसों की लड़कियां शामिल थीं। ज्यादातर बुर्कानशीन थीं। ख्वातीन ने हलीम चौराहे पर पहुंच कर तीन तलाक बिल के खिलाफ नारेबाजी भी की। इसके साथ यह भी कहा गया कि एक ही बार में तीन तलाक कहने से होने वाला इस्लाम में अच्छा नहीं माना जाता है।

इसके लिए जागरूरकता मुहिम चलाई जा रही है। जमाअत के मीडिया प्रभारी मोहम्मद अशफाक ने बताया कि लाखों महिलाएं पर्सनल लॉ बोर्ड की मुहिम में हस्ताक्षर कर यह कह चुकी हैं कि उन्हें शरीयत कानून में किसी भी तरह का हस्तक्षेप मंजूर नहीं है। इसके बाद भी राजनीतिक कारणों से कानून बनाया जा रहा है। जिसका विरोध बराबर किया जाता रहेगा और केन्द्र सरकार को विवश कर दिया जाएगा कि तीन तलाक बिल वापस हो सके।

 

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