Ola, Uber Strike: ये हैं ओला और उबर के ड्राइवरों की मांग

Ola, Uber Cab Drivers Strike: Ola और UBER के ड्राइवर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इस वजह से ओला और उबर का इस्तेमाल करने वालों को आज दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। यह हड़ताल राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने कराई है। यह हड़ताल 18 मार्च को रात 12 बजे से ही शुरू हो गई है। मनसे की परिवहन शाखा, महाराष्ट्र नवनिर्माण वाहतूक सेना (एमएनवीएस) ने हड़ताल का आयोजन किया है। एमएनवीएस ने आरोप लगाया है कि कैब एग्रीगेटर्स के ड्राइवरों का बिजनेस अच्छा नहीं चल रहा है। उनका बिजनेस लगातार कम होता जा रहा है।

एमएनवीएस के नेता संजय नाइक ने दावा किया कि ओला और उबर ड्राइवरों ने 5-7 लाख रुपये का निवेश किया है और उन्हें कंपनियों द्वारा आश्वासन दिया। उन्हें उम्मीद थी कि वह हर महीने करीब 1.5 लाख रुपए कमाएंगे। हालांकि ड्राइवर अब इसका आधा भी नहीं कमा पा रहे हैं। मुंबई टैक्सीमैन यूनियन भी ओला उबर के ड्राइवरों के साथ है। पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 149 के तहत नेताओं के लिए नोटिस जारी कर दिए हैं।

Ola, Uber Cab Drivers Strike:

इस अनिश्चितकालीन हड़ताल की वजह से टैक्सी की कीमतें बढ़ गईं हैं। ड्राइवरों को कथित तौर पर आश्वसित आय का भुगतान नहीं किया गया है। फंड की कमी के कारण उन्हें भारी नुकसान हो रहा है।

ओला और उबर चालकों को मुंबई टैक्सीमेन यूनियन से समर्थन मिला है। मुंबई टैक्सीमेन यूनियन के महासचिव एएल क्वाडोस ने यह भी मांग की है कि क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण ओला और उबर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। ओला और उबर परमिट की शर्तों का उल्लंघन करके ऑटो रिक्शा और टैक्सी वालों का बिजनेस खराब कर रहे हैं।

प्रदर्शनकारियों का दावा है कि ओला और उबर ने बाहरी ड्राइवरों की कारों के बजाए अपने कारों को चलाने पर जोर दिया था। इसकी वजह से ड्राइवरों की अपनी कार चलाने वाले ड्राइवरों की हालत खराब है।

नाइक ने कहा कि वे परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यदि कोई बैठक या परिणाम नहीं निकलता है, तो वे अपनी अगली कार्यवाही तय करेंगे।

ड्राइवरों की मांग: ड्राइवर्स का कहना है कि उनकी आमदनी में लगातार कमी हो रही है। इन कंपनियों की ड्राइवर्स यूनियन की प्रमुख मांग है कि पहले की तरह उनको कम से कम 1.25 लाख रुपये का व्यापार मिले। दूसरा, कंपनी अपने द्वारा चलाई जा रहीं कैब को बंद करें। तीसरा, उन ड्राइवर्स को दोबारा से रखा जाए जिनको यूजर्स ने कम रेटिंग दी है। चौथा, गाड़ी की कीमत के मुताबिक किराये का निर्धारण किया जाए और पांचवा, कम किराये पर बुकिंग को बंद किया जाए। इसके अलावा इनकी मांग है कि ड्राइवर के हित के लिए पॉलिसी बनाएं। बढ़ते इंश्योरेश के प्रीमियम पर रोक लगाएं। ड्राइवरों की आमदनी बढ़ाने के लिए कंपनियां कदम उठाएं।

महाराष्ट्र नवनिर्माण वहतुक सेना के प्रमुख संजय नाइक ने मांग की है कि ओला और उबर टैक्सियों उन कानूनों से सहमत हों, जिन पर पीले-काले रंग की टैक्सियां ​​चल रही हैं। नाइक का आरोप है कि यह कंपनियां कानून के मुताबिक बिजनेस नहीं कर रही हैं।

बेंगलुरू के एक यूजर ने अपना अनुभव शेयर किया है। उन्होंने कहा कि मैं ओला से कैब बुक नहीं कर पाया, जबकि ऐप में मेरे पास में कैब दिखाई दे रही थीं। मैं एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करता हूं।

ओला और उबर ने इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया है। हड़ताल से प्रभावित होने वाले शहरों में पुणे, बेंगलुरु और मुंबई हैं।

ओला के प्रवक्ता ने कहा कि “हमें मुंबई पुलिस द्वारा सूचित किया गया है कि उन्होंने शहर में टैक्सी की राइड के दौरान यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं,”

पुलिस ने कहा है कि सीआरपीसी की धारा 149 के तहत महाराष्ट्र नवनिर्माण वाहतूक सेना के नेता अरिफ शेख, नितिन नंदगांवकर और संजय नायक को नोटिस जारी किए गए हैं। अकेले मुंबई में 45,000 से ज्यादा कैब हैं। हालांकि इनके बिजनेस में करीब 20 फीसदी की गिरावट आई है।

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