दोबारा साथी बनने के बाद पहली बार नीतीश कुमार ने बीजेपी के खिलाफ बोली कई बातें
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार (19 मार्च, 2018) को कहा कि वे किसी भी गठबंधन के साथ रहें, परंतु उनकी मूल अवधारणा में परिवर्तन नहीं हुआ है। उन्होंने कथित तौर पर भाजपा पर निशाना साधते हुए दो टूक कहा कि वे भ्रष्टाचार और समाज को तोड़ने व विभाजित करने वाली नीति से समझौता नहीं कर सकते। पिछले साल जुलाई में भाजपा से गठबंधन करने वाले सीएम नीतीश ने यह बातें हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर के एक धड़े के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के नेतृत्व में जदयू में विलय के अवसर कही। केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के एक बयान का समर्थन करते हुए नीतीश कुमार ने कहा, “भाजपा को अल्पसंख्यकों के प्रति अपनी धारणा को बदलाना होगा। पासवान बहुत सीनियर नेता है। उन्होंने बहुत सोचने के बाद यह बात कही होगी।”
पटना में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए उन्होंने कई मामलों को लेकर बिना किसी का नाम लिए इशारों ही इशारों में विपक्षियों पर निशाना साधा। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को हम लोगों ने एक दिन के लिए भी नहीं छोड़ा है। उन्होंने इस मांग को 10 साल पुरानी मांग बताते हुए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर तंज कसते हुए कहा, “जो लोग आज तक कभी इसकी चर्चा तक नहीं करते थे, वे भी आज मुझसे विशेष राज्य के दर्जे को लेकर प्रश्न पूछते हैं। आंध्र प्रदेश के लिए यह मांग नई हो सकती है, परंतु बिहार के लिए यह पुरानी मांग है।” नीतीश ने स्पष्ट कहा, “मैं वोट की नहीं, लोगों की चिंता करता हूं। मैं प्रारंभ से ही सामाजिक सद्भाव का पक्षधर रहा हूं। मेरे 12 साल के काम इसका प्रमाण हैं।”
मुख्यमंत्री ने दावा करते हुए कहा कि हम लोगों ने 12 सालों में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए जो काम किए हैं, वे इससे पहले यहां कभी नहीं हुए थे। करोड़ों रुपए के चारा घोटाला से जुड़े दुमका कोषागार से अवैध निकासी के एक मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद को दोषी तथा पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को बरी करार दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अदालत के निर्णय पर वे प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त करते।
एक अंग्रेजी दैनिक में छपी इस खबर के बारे में पूछने पर कि सीबीआई की लीगल विंग के यह कहने के बावजूद कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद के रेल मंत्रित्वकाल के दौरान होटल के बदले भूखंड मामले में लालू के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता, उक्त केंद्रीय जांच एजेंसी ने लालू के खिलाफ मामला दर्ज किया, तो नीतीश ने कहा कि ये बात तो वे पहले भी वे कह रहे थे। उन्होंने कहा कि महागठबंधन (जदयू-राजद-कांग्रेस) के समय हमने उनसे कहा था कि इस बारे में मामला स्पष्ट कर दीजिए। यह कहना कि हमें फंसाया जा रहा है, समर्थकों के सामने तो चल सकता है, लेकिन आम लोगों के बीच सही संदेश जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमने उनसे बार-बार यह बात कही और कहा कि ऐसी स्थिति में जदयू भी उनका पूरे तौर पर समर्थन करेगा, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया । इसी वजह से हमें राजद और कांग्रेस से नाता तोड़ने का निर्णय लेना पड़ा।