सुरक्षा कारणों से भारत ने 500 पाकिस्तानियों को नहीं दिया अजमेर शरीफ आने का वीजा, पाकिस्तान ने जताया विरोध

सुरक्षा कारणों  के तहत  भारत की ओर से 500 पाकिस्तानियों को अजमेर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर जियारत के लिए वीजा नहीं दिए जाने के बाद अब इस्लामाबाद ने विरोध जताया है। पाकिस्तान ने कहा है कि भारत वीजा ना देकर 1974 के द्विपक्षीय प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर रहा है। सोमवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किए गए एक बयान में यह बात कही गई। बयान में कहा गया, ‘भारत द्वारा 19 मार्च से 29 मार्च के बीच हो रहे ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स में शामिल होने के लिए 503 पाकिस्तानी जायरीनों को वीजा देने से इनकार कर दिया गया, इस पर पाकिस्तान निराशा व्यक्त करता है। इस सालाना कार्यक्रम में शामिल होने के मौके से पाकिस्तानी तीर्थयात्री महरूम हो गए। इसमें शामिल होना उनके लिए विशेष महत्व रखता है।’

इसके अलावा यह भी कहा गया कि भारत का यह कदम दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों को कमजोर करने जैसा है। पाकिस्तान ने यह भी कहा है कि जनवरी में भी 192 पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा नहीं दिया गया था, जिसके कारण वे हजरत ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया के उर्स में शामिल नहीं हो सकते थे। पाकिस्तान का कहना है कि दोनों देशों के बीच यह धार्मिक यात्रा 1974 के द्विपक्षीय प्रोटोकॉल के तहत होती है और यह वार्षिक प्रक्रिया है।

वहीं भारत की ओर से कहा गया कि कुछ परिस्थितियों और सुरक्षा को देखते हुए पहले भी इस तरह की यात्राओं को रद्द किया जा चुका है। इस मामले में भारत ने कहा, ‘कुछ परिस्थितियों और सुरक्षा के कारणों को देखते हुए समय-समय पर इस तरह की यात्राओं को रद्द किया गया है। इतिहास को अगर देखा जाए तो दोनों ही तरफ से ऐसी यात्राओं को रोका गया है।’ बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तो तनाव का माहौल रहता ही है, लेकिन अब कूट-नीतिक स्तर पर दोनों देशों के बीच तनातनी बढ़ती दिख रही है। दोनों देशों के राजनयिकों की ओर से यह आरोप लगाए जा रहे हैं कि उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जा रहा है।

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