पत्नियों को छोड़कर भागने वाले एनआरआई पतियों को सजा दिलाने की दिशा में मेनका गाँधी बना रही प्लान
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने पत्नियों को छोड़ने वाले एनआरआई पतियों को सजा दिलाने की दिशा में काम शुरू किया है। ताकि दहेज आदि उत्पीड़न की शिकार भारतीय महिलाओं को न्याय मिल सके। मंत्रालय ने यह कदम इसलिए उठाया है, क्योंकि तमाम महिलाओं ने एनआरआई पतियों की ज्यादिती की शिकायतें की हैं। कहा कि दहेज उत्पीड़न और अन्य तमाम कारणों से उन्हें परेशान किया गया। यहां तक कि विदेश ले जाकर उनका पासपोर्ट जब्त कर स्वदेश नहीं लौटने दिया जाता। कभी-कभी पासपोर्ट भी कैंसिल करा दिया जाता है। ऐसी महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीडिंग में भी कुछ संशोधन की मांग की है। नए प्रस्तावों के मुताबिक आरोपी पतियों की संपत्ति जब्त करने की तैयारी है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक अफसर ने बताया कि 1978 में मेनका गांधी का सुप्रीम कोर्ट में केस चला था। जिसमें उन्होंने पासपोर्ट रद्द करने के खिलाप कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिस पर कोर्ट ने पाया कि भारतीय पासपोर्ट एक्ट के सेक्शन 10 (3) का उल्लंघन कर उनका पासपोर्ट रद्द किया। कोर्ट ने मेनका गांधी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के मामले में फैसला देते हुए कहा था कि हवाई अधिकार व्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला है। किसी का पासपोर्ट तभी जब्त किया जा सकता है, जब पासपोर्ट एक्ट की धारा(10) तीन की सभी शर्तें पूरी होती हों। यह फैसला बाद में नजीर बन गया।
मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इसी फैसले के आधार पर अब जो प्रस्ताव तैयार हो रहा है, उसमें महिलाओं के पासपोर्ट कैंसिल कराने की प्रक्रिया को कठिन बनाने की व्यवस्था हो रही है। अफसरों के मुताबिक महिला एवं बाल विकास मंत्रालय कानून और विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर नए प्रस्तावों को अमलीजामा पहनाने की दिशा में काम कर रहा है। जिसमें आरोपी अनिवासी भारतीय पति की संपत्ति जब्त करने आदि का प्रावधान किया जा रहा। सुप्रीम कोर्ट के वकील सुनील फर्नांडीज ने कहा कि यदि हिंदू विवाह अधिनियम के तहत पत्नी को छोड़ना सिविल मामला हो सकता है।महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अफसर के मुताबिक प्रस्ताव के पहलुओं को कानून और विदेश मंत्रालय के स्तर से छानबीन के बाद ही अमलीजामा पहनाया जाएगा।
बता दें कि 12 फरवरी को एक प्रेस कांफ्रेंस में मेनका गांधी कह चुकी हैं कि- मंत्रालय ने गृहमंत्रालय को पत्र लिखकर कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर में संशोधन की मांग की है। एक अन्य अफसर के मुताबिक उच्चस्तरीय कमेटी गहनता से इस मुद्दे को देख रही है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक अफसर ने कहा कि एनआरआई पतियों की प्रताड़ना की शिकार महिलाओं क आर्थिक सहायता की धनराशि चार हजार डॉलर तक बढ़ा दी गई है।