जेएनयू के प्रदर्शनकारी छात्रों पर लगाया आरोप कि खून से लथपथ बच्चे को अस्पताल नहीं पहुंचने दिया

यौन उत्पीड़न के मामले में जहां जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर पर गंभीर आरोप लगे हैं। वहीं, सोमवार को प्रदर्शनकारी छात्रों पर आरोप लगा कि छात्रों ने एंबुलेंस में बैठे खून से लथपथ बच्चे को अस्पताल नहीं पहुंचने दिया। यह आरोप फेसबुक पर पोस्ट के रूप में वायरल हो रहा था। इसमें आरोप लगाया गया था कि कैसे जेएनयू के प्रदर्शनकारी छात्रों के कारण जख्मी बच्चे को अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका। निकिता सारा नाम की महिला का दावा है कि जेएनयू छात्र उस दौरान नाच रहे थे। वे इसी के साथ आजादी-आजादी के नारे लगा रहे थे। महिला ने जब उन लोगों से रास्ते से हटने के लिए कहा तो उन्होंने गाड़ी को निकलने नहीं दिया। इसी गाड़ी के भीतर वह बच्चा बैठा था, जिसके बुरी तरह से खून बह रहा था। आपको बता दें कि जेएनयू छात्रों ने जौहरी की गिरफ्तारी को लेकर सोमवार रात वसंत कुंज थाने पर उग्र प्रदर्शन किया था। अपनी मांगें पूरी न होने पर छात्र सड़क पर ही धरना देने लगे थे, जिसके कारण भीषण जाम की स्थिति हो गई थी। प्रोफेसर पर वि.वि. की नौ छात्राओं ने छेड़छाड़ और अश्लील बातें करने के आरोप लगाए हैं।

घटना दक्षिणी दिल्ली में नेल्सन मंडेला रोड की है, जहां तकरीबन 100 जेएनयू के छात्र पुलिस थाने के बाहर जमा हुए थे। वे दिल्ली पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगा रहा था। उनका आरोप था कि पुलिस जानबूझ कर इस मामले में कार्रवाई करने में देरी कर रही है। छात्रों की इस दौरान पुलिस के साथ झड़प भी हुई थी। वे बैरिकेड तोड़ने और सड़क बाधित करने की कोशिश कर रहे थे। सारा के मुताबिक, “प्रदर्शनकारियों ने मुझसे कहा था कि यह (खून से सना बच्चा) हमारी समस्या नहीं है। हम यौन उत्पीड़न के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। मैं जेएनयू छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला राशिद के पास भी इस बाबत गई थी। वह टीवी चैनलों को इंटरव्यू दे रही थी। मैंने दखल देकर अपनी बात रखनी चाही। लेकिन कुछ नहीं हुआ।”

आरोप वाला पोस्ट वायरल होने के बाद शेहला का कहना है कि उन्हें इस बारे में कुछ भी नहीं पता। उन्होंने इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और कहा कि यह ‘स्टेट एजेंट्स’ (सरकारी) की कारस्तानी हो सकती है। फिलहाल हमें जौहरी के मसले पर जोर देना चाहिए। लेकिन अगर खून से लथपथ बच्चे का कहानी सच है तो मेरी दुआएं उसके साथ हैं। मैं उसे अस्पताल भी देखने जाऊंगी। जरूरत पड़ी पर तो हम रक्तदान भी करेंगे।

 

राशिद के अनुसार, “हम जिम्मेदारी के साथ प्रदर्शन कर रहे थे। कृपया विश्वास रखिए। ये सारी चीजें असल मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए की जाती हैं।”

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