आधार पर कोर्ट रूम में पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन देना चाहता है केंद्र, सुप्रीम कोर्ट से मांगी इजाजत

आधार को अनिवार्य करने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। निजता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए इसका विरोध किया जा रहा है। साथ ही सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने निजता के हनन और सुरक्षा को लेकर जताई जा रही चिंता को दूर करने के लिए लीक से हटकर पहल की है। केंद्र ने इसके लिए शीर्ष अदालत से कोर्ट रूम में पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन की इजाजत मांगी है। यह प्रेजेंटेशन भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय भूषण पांडे की ओर से दिया जाएगा, ताकि मामले की सुनवाई कर रही पीठ और याची के समक्ष इसके हर पहलू को सही तरीके से पेश किया जा सके। केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल केके. वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि डाटा को लीक होने से रोकने के लिए सुरक्षा के पर्याप्त उपाय किए गए हैं। आधार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं, जिनकी एक साथ सुनवाई करने के लिए दिसंबर में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय संविधान पीठ का गठन किया गया था। मामले की सुनवाई जनवरी से शुरू की गई थी। विरोधियों ने आधार को व्यापक निगरानी का एक जरिया करार दिया है। वहीं, सरकार का कहना है कि इसके जरिये भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सकेगा।

 

आधार नंबर को अवैध तरीके से हासिल करने के कई मामले सामने आ चुके हैं। आधार डाटा खरीदने-बेचने वाले गिरोह का भी भंडाफोड़ किया जा चुका है, जिसके कारण इसकी सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठे हैं। इसके अलावा इससे निजता का उल्लंघन होने की बात भी कही गई है। विरोधियों का कहना है कि सरकार आधार नंबर के जरिये नागरिकों की गतिविधियों पर नजर रखने में सक्षम हो जाएगी। लोगों की ट्रैकिंग भी की जाने लगेगी। इसके कारण ‘जनता का संविधान’ ‘राज्य के संविधान’ में तब्दील हो जाएगा। वहीं, केंद्र प्रत्येक सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के लिए इसे जरूरी कर दिया है। कर संग्रह और ऑनलाइन वित्तीय लेनदेन में भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा बैंक में खाता खुलवाने, फोन नंबर आदि के लिए भी इसे जरूरी कर दिया गया है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला आने तक इसकी अनिवार्यता पर रोक लगा दी थी। सिर्फ सरकारी सुविधाओं के लिए ही इसे जरूरी किया गया था। बता दें कि आधार की मदद से डीबीटी को अमल में लाया गया है। इससे सब्सिडी सीधे लाभार्थी के बैंक खातों में भेज दिया जाता है।

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