जेएनयू, डीयू और इग्नू नहीं ले पाएंगे विदेशी फंड
डीयू, जेएनयू, आइआइटी दिल्ली, इग्नू और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद जैसे देश के प्रमुख शिक्षण संस्थान व सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन सहित सैकड़ों संगठनों को विदेशी सहायता लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विदेशी सहायता विनियमन कानून 2010 (एफसीआरए) के तहत इन संस्थानों के पंजीकरण को इस आधार पर रद्द कर दिया क्योंकि ये संस्थान लगातार पांच साल से सलाना रिटर्न जमा करने में नाकाम रहे। नियमानुसार एफसीआरए के तहत पंजीकरण कराए बिना कोई भी संस्थान विदेशी सहायता हासिल नहीं कर सकता है। साथ ही इस कानून के तहत पंजीकृत संस्थान को अपनी आय व्यय का सालाना रिटर्न सरकार को हर साल पेश करना अनिवार्य है और इसका पालन नहीं करने वाले संस्थानों का एफसीआरए के तहत पंजीकरण निरस्त कर दिया जाता है।
इस प्रावधान का पालन नहीं करने के कारण गृह मंत्रालय की ओर से एफसीआरए के तहत पंजीकरण रद्द किए गए शिक्षण संस्थानों की फेहरिस्त में पंजाब विश्वविद्यालय, दून स्कूल एसोसिएशन, दिल्ली स्थित गार्गी कालेज, श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कालेज और लेडी इरविन कालेज भी शामिल हैं। इतना ही नहीं एफसीआरए के तहत पंजीकरण रद्द करने की मंत्रालय की कार्रवाई के दायरे में शिक्षण संस्थानों के अलावा सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन, एस्कॉर्ट अस्पताल, गांधी शांति प्रतिष्ठान, नेहरू युवा केंद्र संगठन, आर्म्ड फोर्सिस फ्लेग डे फंड, फिक्की, दिल्ली स्थित स्कूल आफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर और सामाजिक आर्थिक विकास फांउडेशन भी शामिल हैं। जबकि सामाजिक संगठनों में डॉ राम मनोहर लोहिया इंटरनेशनल ट्रस्ट और डॉ जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट को भी विदेशी सहायता लेने से प्रतिबंधित करते हुए इनका एफसीआरए पंजीकरण रद्द कर दिया गया है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस कार्रवाई के दायरे में आए संस्थान वित्तीय वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक आय व्यय का सलाना रिटर्न जमा करने में नाकाम रहे। कार्रवाई से पहले इन संस्थानों को विगत 14 जून को जारी नोटिस में 23 जुलाई तक रिटर्न फाइल करने की मोहलत भी दी गई थी, लेकिन इसका पालन नहीं कर पाने के कारण एफसीआरए के तहत इनका पंजीकरण रद्द किया गया है।