शहरी आवास: 3 साल में 40 लाख घर देने का वादा, लक्ष्य का 8 पर्सेंट ही काम पूरा कर सकी मोदी सरकार
केन्द्र की भाजपा सरकार ने वादा किया था कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत साल 2022 तक सभी लोगों को घर मुहैया कराए जाएंगे। योजना को लागू हुए तीन साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन अभी तक शहरी इलाकों में सिर्फ 8 प्रतिशत ही काम पूरा हुआ है या कहें कि 3 लाख मकान ही बन पाए हैं, जबकि लक्ष्य करीब 40.6 लाख मकानों का था। हालांकि, ग्रामीण इलाकों में स्थिति थोड़ी बेहतर है, जहां अब तक करीब 30 प्रतिशत या 28.8 लाख मकानों का निर्माण हो चुका है। बता दें कि ग्रामीण विकास मंत्रालय ने योजना लागू होने के 15 महीनों में करीब 95 लाख मकान बनाने की बात कही थी।
शहरी मामलों और ग्रामीण विकास मंत्रालयों की वेबसाइट के अनुसार, इस साल 5 मार्च तक मंत्रालयों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 8341 प्रोजेक्ट को जोड़ा था, जिनमें 40.6 लाख मकानों का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन अभी तक सिर्फ 3.4 लाख मकानों का निर्माण कार्य ही पूरा हो सका है। इसके साथ ही 18 लाख मकानों के लिए काम चल रहा है, जिनके पूरा हो जाने के बाद कुल योजना के 44 प्रतिशत मकान पूरे हो जाएंगे। हालांकि, इन मकानों का काम किस स्टेज में है, इसकी जानकारी नहीं दी गई है।
बता दें कि प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जून, 2015 को की थी। प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर साल 2022 में शहरी इलाकों में रहने वाले गरीबों के लिए करीब 2 करोड़ मकान बनाए जाएंगे। योजना के तहत केन्द्रीय निगरानी में स्थानीय निकायों और विभिन्न एजेंसियों द्वारा सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में इन मकानों का निर्माण होना था। वहीं, योजना से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि हाउसिंग प्रोजेक्ट को पूरा होने में 18-24 महीने लगते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले मकानों की गति में कुछ तेजी आएगी।
दूसरी तरफ, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की शुरुआत 20 नवंबर, 2016 को की गई थी, जिसके तहत साल 2019 तक देश के ग्रामीण इलाकों में 1 करोड़ नए मकान बनाने का लक्ष्य तय किया गया था। इनमें से 51 लाख मकान मार्च 2018 के अंत तक तैयार हो जाएंगे। हालांकि, अभी तक सिर्फ 27.7 लाख मकान ही तैयार हो पाए हैं, बाकी में काम चल रहा है। योजना से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि योजना के तहत 47 लाख मकान इस साल मार्च तक पूरे कर लिए जाएंगे। इस योजना के तहत सबसे ज्यादा मकान उत्तर प्रदेश में (61 प्रतिशत), उसके बाद मध्य प्रदेश (44 प्रतिशत) और छत्तीसगढ़ (43 प्रतिशत) में बने हैं। वहीं, तेलंगाना में इस योजना के तहत अभी तक एक भी मकान नहीं बना है।