Delhi Budget 2018: दिल्ली सरकार ने पेश किया 53,000 करोड़ रुपए का बजट
Delhi Budget 2018-19: दिल्ली सरकार ने विधानसभा में अपना बजट पेश कर दिया है। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सरकार का 2018-19 का बजट किया। मनीष सिसोदिया ने बताया कि स्वास्थ्य पर बजट का 11.3 फीसदी खर्च किया गया है। इस बार सरकार ग्रीन बजट ला रही है। दिल्ली सरकार का बजट इस साल डेढ़ गुणा ज्यादा बढ़ाया गया है। इस साल सरकार 53,000 करोड़ रुपए का बजट लाई है। कुल 53,000 करोड़ में से 42,000 करोड़ राजस्व से मिलेगा। स्टार्टअप के लिए इन्कयूबेशन सेंटर चल रहे हैं , 5 साल में 500 से अधिक स्टार्टअप शुरू करवाने का टारगेट है।
बल्क वॉटर मीटर लगाए जाएंगे। समाजिक सुरक्षा कल्याण के 5000 करोड़ से ज्यादा का प्रस्ताव दिया गया है। लाडली योडना के तहत पिछड़ा वर्ग के लिए 18 साल की लड़कियों के लिए नई योजना, 1182 करोड़ का बजट अलॉट। मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना की शुरुआत, सरकार तीर्थ यात्रा पर जाने वालों का खर्चा उठाएगी। मोबाइल स्वास्थ्य वैन सेवा शुरू की जाएगी, यहां आंख, कान का इलाज मुख्यत: होगा। झुग्गी में रहने वालों के लिए टॉयलेट बनवाने के लिए 3106 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है।
Delhi Budget 2018-19 UPDATES:
25 नए वर्ल्ड क्लास स्किल सेंटर खोले जाएंगे। डीटीयू में सीटों की संख्या बढ़ाई गईं है। विधानसभा क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा देने के लिए 2000 करोड़ का प्रस्ताव दिया गया है। जन स्वास्थ्य समिति का गठन कर उसे 50 करोड़ बजट का प्रस्ताव किया जाएगा। एसिड अटैक सर्वाइवरों के इलाज का खर्च दिल्ली सरकार वहन करेगी। अस्पतालों के निर्माण और नवीनिकरण के लिए 450 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। 1000 नए मोहल्ला क्लीनिक बनाए जाएंगे, मोहल्ला और पॉली क्लीनिक के लिए 503 करोड़ का बजट अलॉट किया गया है।
एल्कॉन स्कूल जैसे मामले की वजह से हैप्पिनेस कार्यक्रम लागू होगा, पेरेंटिंग वर्कशॉप होगी। 13997 करोड़ का शिक्षा बजट प्रस्तावित, नर्सरी से आठवीं तक के बच्चों के लिए हैप्पिनेस कार्यक्रम लागू किया जाएगा। बच्चियों की सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग के लिए अलग से 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। 1 से आठवीं क्लास के बच्चों के लिए मिशन बुनियाद की शुरूआत की जाएगी। एसएससी को किताबों के लिए 5 लाख का अतिरिक्त फंड मिलेगा।
स्थानीय निकाय चुनावों में कुल बजट का 13% खर्च किया जाएगा। डीटीसी कर्मचारियों के बकाया भुगतान पूरे किए जाएंगे, बजट 2,107 करोड़ से बढ़ाया जाएगा। बिजली के आधे दाम जारी रहेंगे। नेट मीटरिंग के माध्यम से दिल्ली सरकार बिजली खरीदेगी। CNG फिट निजी कारों को खरीदने पर 50 फीसदी रजिस्ट्रेशन चार्ज पर छूट मिलेगी। सरकार ई-व्हीकल योजना बना रही है। सड़कों के आस पास सभी कच्ची जमीन पर घास उगाई जाएगी, साइकिल ट्रेक के ऊपर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाएगा, पहले आओ पहले पाओ के तहत 2 रुपए प्रति यूनिट बिजली खरीदने का प्रस्ताव।
डीएमआरसी को 905 ई फईडर बसें अगल से दी जाएंगी। दिल्ली में 1,000 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। दिल्ली में छह नए बस डिपो बनाए जाएंगे, इसके लिए 80 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा गया है। फैक्ट्रियों में पीएनजी लगाने का प्रस्ताव दिया गया है। उसके लिए फोक्ट्रियों में 1 लाख रुपये और रेस्टोरेंट में 5000 रुपये प्रोत्साहन राशी दी जाएगी। रेस्टोरेंट में कोयला तंजदूर की जगह इलेक्ट्रिक तंदूर लगाए जाएंगे।
स्थानीय निकायों को 6000 करोड़ रुपए से ज्यादा की वित्तीय मदद दी जाएगी। उत्तर पूर्वी निकायों से वसूली नहीं की है। नगर निगम की सड़को की सही करने के लिए अलग से 1000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। दिल्ली में 7.93 लाख पेड़ पौधे लगाए गए हैं, जगह जगह पेड़ लगाए जाएंगे और पार्क बनाए जाएंगे। दिल्ली पहला ऐसा राज्य बनेगा, प्रदूषण का डेटा पूरे साल भर इक्ट्ठा किया जाएगा। प्रदूषण को देखते हुए सरकार ग्रीन बजट लेकर आ रही है।
विपक्ष का कहना है कि सरकार ने आंकड़ेबाजी कर अपनी पीठ ठोकने की कोशिश की है। मगर इस आउटकम बजट की सच्चाई कुछ अलग है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में लागू किया गया यह ऐसा आउटकम बजट रहा है, जिसमें बजट में घोषित विकास की बड़ी योजनाओं को ही बाहर कर दिया गया। कारण यह था कि सरकार यदि इन योजनाओं को आउटकम बजट में शामिल करती तो सरकार का आउटकम बजट फेल साबित होता। ऐसे में इन योजनाओं को आउटकम बजट में नहीं लिया गया।
उम्मीद की जा रही है कि दिल्ली सरकार का फोकस एजुकेशन, हेल्थ, बिजली, परिवहन, मैट्रो और प्रदूषण पर होगा। परिणाम बजट 2018 यह दर्शाता है कि बिजली पर सबसिडी का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इस योजना का लाभ 82 फीसदी घरेलू उपभोक्ताओं को हुआ है। साथ ही इसमें यह भी सामने आया है कि रोजाना मेट्रो की सवारी करने वालों की संख्या में 25.7 लाख की कमी आई है। इसके अलावा सिटी ट्रांसपोर्ट में 41.90 लाख की बढ़ोतरी देखी गई है।
आउटकम बजट की रिपोर्ट के मुताबिक इस बार कुल 8,603 छात्रों ने दिल्ली सरकार के 12 स्कूलों में एडमिशन लिया। वहीं 2016-17 में यह संख्या 7,392 थी। इसके अलावा 2017-18 में दिसंबर तक हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स में 524 रिसर्च पेपर पब्लिश हुए।