नगरीय निकाय चुनावों के लिए राजनीतिक दलों ने कसी कमर
जनसंपर्क करती कांग्रेस से प्रत्याशी सेना पटेल।
अलीराजपुर। नगरीय निकाय चुनावों का बिगुल बजते ही राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है। भाजपा जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सहारे चुनाव मैदान में है, तो कांग्रेस अपने पिछली परिषद् के विकास कार्यों को लेकर जनता के बीच जा रही है।
चुनाव आयोग द्वारा प्रदेश के 44 नगरीय निकायों के चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से ही स्थानीय चुनावों की सरगर्मी तेज हो गई थी। अलीराजपुर जिले में भी एक नगरपालिका और दो नगरपरिषदों के लिए 11 अगस्त को मतदान होना है। तारीखों के ऐलान के बाद से ही दोनों ही प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस ने मतदाताओं से संपर्क तेज कर दिया है।
अलीराजपुर नगरपालिका के लिए भाजपा ने जहां भदु पचाया पर अपना दाव लगाया है, तो वहीं कांग्रेस ने सेना पटेल पर एक बार फिर अपना भरोसा जताया है। दोनों ही प्रत्याशियों ने मोर्चा संभालते हुए जनसंपर्क भी तेज कर दिया है। भाजपा जिला अध्यक्ष राकेश अग्रवाल की माने तो तीनों ही नगरीय निकायों में भाजपा की स्थिति मजबूत बनी हुई है, वहीं भाजपा से बागी हुए नेताओं के सवाल पर अग्रवाल का कहना है कि बागियों को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है और ऐसे नेताओं से पार्टी को कोई खास नुकसान नहीं होगा।
दूसरी और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के भी अपने दावे है। कांग्रेस नेता भी इन चुनावों में अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे है, कांग्रेस के कार्यवाहक जिला अध्यक्ष महेश पटेल का कहना है कि जोबट और चंद्रशेखर आजाद नगर में भाजपा की परिषद् में हुए भ्रष्टाचार से जनता परेशान हो चुकी है। जिसका खामियाजा भाजपा को इस चुनाव में भुगतना होगा।
अलीराजपुर नगरपालिका के अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस से प्रत्याशी सेना पटेल का कहना है कि उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों से अलीराजपुर की जनता भलिभांति परिचित है और वे विकास कार्यों के दम पर ही इस चुनाव में जनता के बीच जा रही है।
इस चुनाव में जहां दोनों ही राजनैतिक दलों के अपने-अपने दावे और मुद्दे है, तो वहीं जिले की जनता अभी अपनी मुट्ठी खोलने से बच रही है, यानि क्षेत्र का मतदाता फिलहाल मौन है। बहरहाल यह 16 अगस्त को होने वाली मतगणना के बाद ही स्पष्ट होगा कि जनता की कसौटी पर भाजपा के भदु अपना कमल खिला पाते है, या कांग्रेस की सेना एक बार फिर काबिज होती है।