पहाड़ से लड़ रहे हैं तो चोट लगेगी ही: शरद यादव

जनता दल (एकी) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने पार्टी और राज्यसभा की अपनी सदस्यता पर मंडराते संकट पर अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि उनकी लड़ाई पद की नहीं, सिद्धांत और संविधान बचाने की है। यादव ने बुधवार को कहा कि उन्हें राज्यसभा से सदस्यता खत्म करने को लेकर नोटिस मिला है, जिसका वह माकूल जवाब देंगे। उन्होंने मंगलवार को चुनाव आयोग द्वारा पार्टी पर यादव गुट के दावे पर संज्ञान नहीं लेने और राज्यसभा का नोटिस मिलने के बाद संवाददाता सम्मेलन में अपना पक्ष रखते हुए यह बात कही। यादव ने कहा कि इन कानूनी पहलुओं को उनके वकील देख रहे हैं, वह देश की साझी विरासत पर आधारित संविधान को बचाने की बड़ी लड़ाई के लिए निकल पड़े हैं। 14 सितंबर को साझी विरासत का सम्मेलन जयपुर में हो रहा है। यादव का दावा था कि उसमें पहले के सम्मेलन से ज्यादा दल शामिल होंगे।

राज्यसभा की सदस्यता जाने के खतरे के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम पहाड़ से लड़ रहे हैं तो यह सोच कर ही लड़ रहे हैं कि चोट तो लगेगी ही। राज्यसभा की सदस्यता बचाना बहुत छोटी बात है, हमारी लड़ाई साझी विरासत बचाने की है। सिद्धांत के लिए हम पहले भी संसद की सदस्यता से दो बार इस्तीफा दे चुके हैं। यादव ने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग में उन्होंने नहीं, बल्कि जद (एकी) से निकाले गए महासचिवों ने अपना दावा पेश किया है, इसमें वह महासचिवों के साथ हैं। जद (एकी) के भविष्य के सवाल पर उन्होंने कहा कि 17 सितंबर को पार्टी कार्यकारिणी और आठ अक्तूबर को राष्ट्रीय परिषद की बैठक के बाद जद (एकी) बड़े रूप में सामने आएगी। अपनी भविष्य की रणनीति के बारे में यादव ने कहा कि वह सिद्धांत और संविधान को बचाने की राह पर हैं और उनके विरोधी इसकी उलट राह पर हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *