20 लाख तक की ग्रेच्युटी होगी टैक्स-फ्री, पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा
संसद ने गुरुवार को ग्रेच्युटी भुगतान (संशोधन) विधेयक पारित कर दिया। यह विधेयक सरकार को मातृत्व अवकाश की अवधि व कार्यकारी आदेश के साथ कर मुक्त ग्रेच्युटी राशि को तय करने का अधिकार देता है। विधेयक के राज्यसभा में ध्वनि मत से पारित होने के बाद इसे संसद की मंजूरी मिल गई। इसे लोकसभा में 15 मार्च को शोरगुल के बीच पारित किया गया था। संसद में विधेयक के पारित होने के बाद सरकार ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम के तहत कर्मचारियों की मौजूदा दस लाख रुपये की कर मुक्त ग्रेच्युटी की उच्चतम सीमा को 20 लाख रुपये करने में सक्षम होगी। श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने ग्रेच्युटी भुगतान (संशोधन) विधेयक 2017 को पेश किया, जिसे बिना किसी चर्चा के ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। विधेयक पेश करते हुए गंगवार ने कहा, “मैं आसन से विधेयक को बिना चर्चा के पारित करने का आग्रह करता हूं।”
ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 में किसी भी प्रतिष्ठान, फैक्ट्री, खदान, तेल क्षेत्र, प्लांटेशन, बंदरगाह, रेलवे, कंपनी और 10 या इससे ज्यादा श्रमिकों को नियुक्त करने वाली दुकान को कर्मचारियों को ग्रेच्युटी भुगतान करने का प्रावधान है। कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का भुगतान उनके पांच साल की लगातार सेवा की समाप्ति के बाद किया जाता है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके इसे लोगों की भलाई के लिए संसद द्वारा उठाया गया कदम बताया है। उन्होंने कहा कि इससे लाखों भारतीयों को फायदा होगा।
A significant pro-people measure passed in Parliament. Will benefit lakhs of Indians. https://t.co/ZqXs045JOB
— Narendra Modi (@narendramodi) March 22, 2018
यह विधेयक केंद्र सरकार को निरंतर सेवा के तौर पर मातृत्व अवकाश अधिसूचित करने व कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी की राशि निर्धारित करने का अधिकार देता है। मातृत्व लाभ (संशोधन) अधिनियम 2017 द्वारा 1961 के अधिनियम के तहत अधिकतम मातृत्व अवकाश 12 सप्ताह को बदलकर 26 सप्ताह कर दिया गया। विधेयक 12 सप्ताह के संदर्भ को हटा देता है और केंद्र सरकार को अधिकतम मातृत्व अवकाश अधिसूचित करने को सशक्त करता है। अधिनियम के तहत पहले एक कर्मचारी को भुगतान होने वाली ग्रेच्युटी की अधिकतम राशि 10 लाख रुपये से ज्यादा नहीं हो सकती थी। विधेयक मौजूदा उच्चतम सीमा को हटाता है और कहता है कि उच्चतम सीमा को केंद्र सरकार अधिसूचित कर सकती है।