भारत ने किया लड़ाकू विमान के जरिए सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण

भारत ने गुरुवार को पहली बार स्वदेशी सीकर का इस्तेमाल कर लड़ाकू विमान के जरिए एक ब्रह्मोस मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। यह परीक्षण पोखरण टेस्ट रेंज से किया गया। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने परीक्षण की सफलता के लिए डीआरडीओ, सशस्त्र बलों व रक्षा उद्योग को बधाई दी। मंत्री ने ट्वीट किया, “सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का राजस्थान के पोखरण परीक्षण रेंज से सुबह 8.42 बजे सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।” उन्होंने कहा, “भारत निर्मित सीकर के साथ सटीक प्रहार करने वाले हथियार ने अपने निर्दिष्ट प्रक्षेप पथ पर उड़ान भरा और पिन प्वाइंट एक्यूरेसी के साथ लक्ष्य को निशाना बनाया।” सीकर मिसाइल को उसके लक्ष्य को भेदने के लिए राह बताता है।

ब्रह्मोस एएलसीएम (एयर लांच क्रूज मिसाइल) का वजन 2.5 टन है। यह मिसाइल के जमीन व समुद्री संस्करणों से हल्का है, जिनका वजन करीब 3 टन है, लेकिन यह भारत के सू-30 विमान में तैनात किए जाने वाला सबसे भारी हथियार है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा हथियार की ढुलाई के लिए विमान में परिवर्तन किया गया।
ब्रह्मोस भारत के डीआरडीओ व रूस के एनपीओ मशिनोस्टोयेनिया के बीच संयुक्त उद्यम है।

इस मिसाइल को 500 से 14,000 मीटर (1640 से 46,000 फीट) ऊंचाई से छोड़ा जा सकता है। इसे छोड़ने के बाद मिसाइल स्वतंत्र रूप से 100 से 150 मीटर तक गिरती है और फिर क्रूज फेज में 14000 मीटर और अंत में अंतिम चरण में 15 मीटर जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *