39 भारतीयों की हत्या मामले में सुषमा स्वराज और “टाइगर जिंदा है” के निर्देशक के खिलाफ ग्वालियर में किया गया केश
इराक में आईएसआईएस आतंकियों द्वारा 39 भारतीयों की हत्या का मामला अब ग्वालियर की जिला अदालत पहुंच गया है। मीडीया से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार वकील उमेश बोहरे ने एक परिवाद पत्र दायर कर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और फिल्म “टाइगर जिंदा है” के निर्देशक और अभिनेता-अभिनेत्री पर केस दर्ज किया है। बोहरे ने अपनी याचिका में कहा है कि केंद्र सरकार और मौजूदा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इराक में अगवा हुए भारतीयों के मामले में देश को गुमराह किया है। इसके साथ ही फिल्म “टाइगर जिंदा है” के निर्देशक और अभिनेता-अभिनेत्री ने मामले को मसालेदार ढंग से तोड़मरोड़ कर पेश किया और करीब 500 करोड़ रूपए की कमाई की। फिल्म में दिखाया गया है कि रॉ का एजेंट सभी अगवा भारतीयों को बचाकर देश ले आया है।
याचिकाकर्ता ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, ‘टाइगर जिंदा है’ के निर्देशक अली अब्बास खान, फिल्म के अभिनेता सलमान खान, अभिनेत्री कैटरीना कैफ सहित 8 लोगों को परिवादी बनाया है। याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार और विदेश मंत्रालय को 2014 में ही मालूम था कि 39 भारतीयों को इराक में मार दिया गया है। बावजूद इसके इतनी बड़ी घटना को सरकार ने छुपाकर रखा और अगवा लोगों को छुड़ाने में कोई कोशिश नहीं की। यह भी आरोप लगाया गया है कि इस संवेदनशील मामले को मसाला लगाकर उस पर फिल्म बनाई गई। फिल्म को सत्य घटना पर आधारित बताकर रिलीज किया गया था। ताकि अधिक से अधिक लोग देखें और सरकार की कोशिशों को बेहतर समझें।
बहरहाल, प्रियंक भारद्वाज की अदालत ने मामले में याचिकाकर्ता को 4 अप्रैल को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है। इसके बाद कोर्ट मामले में परिवादियों को नोटिस जारी कर तलब कर सकता है। वैसे याचिकाकर्ता ने धारा 505 और 416 के तहत परिवादियों पर कार्रवाई की मांग की है, जिसमें 3 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। बता दें कि साल 2014 में आईएस के आतंकियों ने इराक के मोसुल शहर में 40 भारतीयों को अगवा कर लिया था। उनमें से एक भारतीय बचकर भागने में कामयाब रहा, जबकि 39 की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। कुछ दिनों पहले ही सुषमा स्वराज ने संसद को बताया था कि इराक में अगवा भारतीयों की मौत हो चुकी है। डीएनए टेस्ट से उनकी मौत की पुष्टि हुई है।