पूर्वोत्तर में अमित शाह ने सेट किया 21 सीटों का टारगेट, हर एक वोटर से संपर्क के लिए बनाएंगे ‘पृष्ठ प्रमुख’
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने साल 2019 के लोकसभा चुनावों की तैयारी अभी से ही शुरु कर दी है। खबर आयी है कि अमित शाह ने अगले लोकसभा चुनावों में उत्तर पूर्वी राज्यों की 25 में से 21 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है। असम में बूथ कमेटी के अध्यक्षों की एक बैठक में अमित शाह ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनावों में हम यहां 25 में से 8 सीटें जीते थे, लेकिन आज मैं इस क्षेत्र से 2019 के लोकसभा चुनावों में 25 में से 21 सीटें जीतने का लक्ष्य तय करता हूं। शाह ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (जोकि उत्तर पूर्वी राज्यों में भाजपा और उसके सहयोगी दलों का गठबंधन है) का उत्तर पूर्वी राज्यों में जनाधार बढ़ रहा है। वहीं भाजपा और इसके सहयोगी उत्तर पूर्वी राज्यों में मिजोरम को छोड़कर सत्ता में भी हैं, ये हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है।
लोकसभा की तैयारियों को धार देते हुए अमित शाह ने 3.33 लाख पृष्ठ प्रमुखों की नियुक्ति के अभियान की भी शुरुआत की। बता दें कि एक पृष्ठ प्रमुख वोटर लिस्ट के एक पेज का इंजार्ज होगा, जो कि उस पेज के 60 वोटरों के टच में रहेगा और उन्हें मतदान केन्द्र तक लाने की जिम्मेदारी उसकी होगी। अमित शाह ने बाद में राज्य के विधायकों और सांसदों से भी भाजपा कार्यालय में मुलाकात की। भाजपा की निगाहें आगामी लोकसभा चुनावों के साथ-साथ राज्य में होने वाले पंचायत चुनावों पर भी टिकी हैं।
सरकार के खिलाफ संसद में विपक्षी पार्टियों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस देने पर अमित शाह ने कहा कि मैं विपक्षी पार्टियों को चुनौती देता हूं कि अगर वो संसद के कामकाज को बिना किसी हंगामे के चलने दें। भाजपा अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए तैयार है। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु की आलोचना करते हुए अमित शाह ने कहा कि 1961 में चीन के आक्रामक रवैये के बाद नेहरु ने असम को अलविदा कह दिया था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोकलाम विवाद के दौरान एक स्टैंड लिया और दुनिया को यह संदेश दिया कि कोई भी हमारे देश की सीमा को छू नहीं सकता।
उत्तर पूर्वी राज्यों के आतंकी संगठनों पर टिप्पणी करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों के बाद नॉर्थ ईस्ट में शांति का माहौल है, जिससे आतंकी हथियार डाल रहे हैं। शाह ने कहा कि मोदी बांग्लादेश के साथ जारी सीमा विवाद को सुलझाएंगे, जिससे नॉर्थ ईस्ट में समृद्धि आएगी। शाह ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए उस पर नॉर्थ ईस्ट राज्यों की अनदेखी का आरोप लगाया। शाह ने कहा कि जब यूपीए की सरकार सत्ता में थी और कांग्रेस की सरकार असम में, तब 13वें वित्त आयोग द्वारा राज्य को 79,741 करोड़ रुपए दिए गए थे, जबकि मोदी सरकार द्वारा 14वें वित्त आयोग में असम को 1,55,292 करोड़ रुपए दिए गए हैं।