सजा सुनते ही बढ़ गया लालू यादव का ब्लड प्रेशर, टेंशन में 20 मिनट में पी गये 10 ग्लास पानी
सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले से जुड़े दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद को चौदह वर्ष के सश्रम कारावास और साठ लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी। जब केन्द्रीय जांच ब्यूरो की विशेष अदालत के न्यायाधीश शिवपाल सिंह शनिवार को फैसला सुना रहे थे तो उस वक्त लालू यादव रांची के रिम्स में अपना इलाज करवा रहे थे। सजा की जानकारी होते ही लालू यादव का ब्लड प्रेशर बढ़ गया। रिपोर्ट के मुताबिक लालू का प्रेशर 124/85 से बढ़कर 140/90 हो गया। उनका मुंह सुखने लगा और चेहरे पर पसीना आने लगा। लालू के चेहरे पर टेंशन साफ देखा जा सकता था। इस दौरान लालू यादव 20 से 25 मिनट के बीच 10 ग्लास से अधिक पानी पी गये। अदालत ने लालू यादव को 11 बजकर 19 मिनट पर सजा सुनाई। उस समय लालू यादव आराम कर रहे थे। सजा की जानकारी उन्हें विधायक भोला यादव ने दी। रिपोर्ट के मुताबित लालू को पहले तो इतनी अधिक सजा पर यकीन ही नहीं हुआ।
जब लालू यादव को अधिक पसीना आने लगा तो नर्स ने उनकी बीपी की जांच की। उन्हें प्रेशर कंट्रोल करने के लिए तुरंत दवा दी गई। लालू यादव शनिवार को फैसले को लेकर सुबह से ही टेंशन में थे। उन्होंने सुबह का नाश्ता भी नहीं किया, दोपहर में थोड़ा खाना खाये और शाम को चाय भी नहीं पी। चारा घोटाले के दूसरे मामलों में सजा काट रहे लालू यादव इस वक्त बीमार हैं वह रांची के रिम्स में इलाज करवा रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि लालू यादव का ब्लड शूगर बढ़ गया है। डॉक्टरों ने उन्हे इंसुलिन लेने की सलाह दी है, लेकिन लालू यादव ने मना कर दिया है। लालू ने कहा कि इंसुलिन खुद कम हो जाएगा।
बता दें कि अदालत ने इस मामले में लालू यादव समेत 19 आरोपियों को 19 मार्च को दोषी करार दिया था जबकि जगन्नाथ मिश्रा समेत 12 अन्य लोगों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। अदालत ने लालू यादव को 3 करोड़ 13 लाख रुपये की गलत निकासी के मामले में दोषी माना है। केन्द्रीय जांच ब्यूरो की विशेष अदालत के न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने लालू प्रसाद को भारतीय दंड संहिता की आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी, जालसाजी एवं सरकारी पद के दुरुपयोग से जुड़ी धाराओं 120बी, 409, 420, 467, 468, 471 एवं 477 के तहत जहां सात वर्ष के सश्रम कारावास एवं तीस लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी वहीं न्यायाधीश ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13:1 सी एवं डी एवं 13:2 के तहत भी उन्हें सात वर्ष कैद, एवं तीस लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी। अदालत ने यह भी आदेश दिये कि लालू प्रसाद की दोनों सजायें इस मामले में एक के बाद एक चलेंगी जिसके चलते इस मामले में उनकी कुल सजा चैदह वर्ष का सश्रम कारावास एवं साठ लाख रुपये जुर्माना हो जायेगा।