मौत के 14 साल बाद पिता को न्याय दिलाने में सफल हुआ बेटा, झूठा साबित हुआ 18 साल पुराना केस
धमकी और मारपीट के मुकदमे में फंसे पिता की केस लड़ते-लड़ते मौत हो गई। फिर बेटे ने पिता के दामन पर लगे दाग को धोने की कोशिश शुरू की और सफल रहा। मौत के 14 साल बाद पिता को केस से बरी कराकर ही दम लिया। 18 साल पुराना यह केस बॉम्बे हाई कोर्ट में चल रहा था। केस का पक्ष में फैसला आते ही बेटे की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।दरअसल महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में काम करने वाले बाला साहब जगताप की 2004 में मौत हो गई थी। उनके खिलाफ महाराष्ट्र स्टेट ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के बस कंडक्टर को धमकी देने और मारपीट का मुकदमा चल रहा था।इस मामले में उन्हें तीन महीने की सजा हुई थी।
पिता की मौत के बाद इस फैसले के खिलाफ बेटे गनेश जगताप ने उच्च अदालत में अपील की। कोर्ट ने कहा कि जगताप के खिलाफ कोई सुबूत नहीं मिला। जस्टिस प्रकाश नाइक ने अपने फैसले में कहा कि पीड़ित को चोट बस से गिरने की वजह से भी आ सकती है।आरोपी और पीड़ित के बीच इससे पहले भी विवाद हो चुका था। कोर्ट ने माना कि बगैर ठोस सुबूत के ट्रायल कोर्ट को जगताप को सजा नहीं देनी चाहिए थी।
बता दे कि 21 नवंबर 1998 को बस कंडक्टर ने जगताप के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि जगताप ने उस पर मुक्के से हमला किया, जिससे उसके सिर से खून निकलने लगा। जगताप को वर्ष 2000 में ट्रायल कोर्ट ने सजा सुनाई थी। कोर्ट ने पीड़ित कंडक्टर के दावों में विरोधाभास पाते हुए जगताप को आरोपों से बरी किया। दरअसल कंडक्टर ने बस स्टॉप पर मारपीट की घटना बताई थी, जबकि किसी ने गवाही नहीं दी। कोर्ट ने सवाल उठाया कि सार्वजनिक स्थान पर घटना होने के बाद भी कोई गवाह क्यों नहीं है।