कर्नाटक चुनाव: डेट लीक के आरोपों पर भाजपा नेता अमित मालवीय ने चुनाव आयोग को भेजी लिखित सफाई

कर्नाटक विधानसभा चुनाव तिथियों की चुनाव आयोग की घोषणा से पहले ही ट्वीट कर विवादों में घिरे भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने अब लिखित में आयोग को सफाई दी है। चुनाव आयोग को लिखे पत्र में मालवीय ने बताया कि उन्‍होंने मीडिया रिपोर्ट के बाद चुनाव तिथि को ट्वीट किया था। उन्‍होंने आयोग के संवैधानिक अधिकारों के प्रति भी आस्‍था जताई है। अमित मालवीय ने लिखा, ‘मैंने कर्नाटक चुनाव की संभावित तिथि को लेकर जो ट्वीट किया था उसको लेकर कुछ शंकाएं पैदा हो गई हैं। मैं यह स्‍पष्‍ट करना चाहता हूं कि मेरी सूचना का स्रोत नेशनल टीवी चैनल ‘टाइम्‍स नाउ’ पर दिखाई गई रिपोर्ट थी। चैनल ने सुबह 11.08 बजे (27 मार्च) न्‍यूजब्रेक के तौर पर तिथियों के बारे में बताया था।’ अमित मालवीय ने आयोग को भेजी गई लिखित सफाई में कर्नाटक कांग्रेस के सोशल मीडिया इंचार्ज द्वारा चुनाव तिथि‍ को लेकर किए गए ट्वीट का भी उल्‍लेख किया है। उन्‍होंने कांग्रेस नेता द्वारा समान स्रोत (टीवी रिपोर्ट) के आधार पर ट्वीट करने की संभावना जताई है। दूसरी तरफ, भाजपा के वरिष्‍ठ नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की। उन्‍होंने कहा, ‘अमित मालवीय का ट्वीट टीवी चैनल के स्रोत पर आधारित था। इसका उद्देश्‍य आयोग की गरिमा को कम करना नहीं था। कर्नाटक के एक नेता ने भी इसी तरह का ट्वीट किया था। हमलोग इस बात से सहमत हैं कि अमित मालवीय को इस तरह का ट्वीट नहीं करना चाहिए था।’

चुनाव आयोग की ओर से विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा से पहले ही अमित मालवीय द्वारा ट्वीट कर इसकी जानकारी देने से राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है। विपक्षी दल इसको लेकर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। बता दें कि अमित मालवीय ने ट्वीट कर पहले ही बता दिया था कि 12 मई को कर्नाटक में चुनाव होंगे और 18 मई को नतीजे आएंगे। आयोग ने चुनाव परिणाम आने की तिथि 15 मई तय की है। इस बाबत पूछे जाने पर मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी. रावत ने कहा कि अगर चुनाव की तारीखें लीक हुई हैं तो इस पर जांच के बाद कानूनसम्मत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 224 सदस्‍यीय कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल 28 मई को समाप्त हो रहा है। कर्नाटक चुनाव भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए बेहद महत्‍वपूर्ण है। फिलहाल राज्‍य में कांग्रेस की सरकार है। भाजपा कर्नाटक का चुनाव जीतकर दक्षिण भारत में एक बार फिर से अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश में जुटी है।

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