वीरेंद्र सहवाग ने दी हिंदी दिवस की बधाई, लेकिन लिखने में कर गए गलती और लोग लेने लगे चुटकी

भारत में हर साल 14 सिंतबर का दिन हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। ऐसे में सोशल साइट्स पर लोग हिंदी दिवस की बधाई दे रहे हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग ने भी ट्विटर पर हिंदी दिवस की बधाई दी है। लेकिन ट्विटर पर सहवाग देशभर को हिंदी दिवस की बधाई देने में बड़ी गलती कर बैंठे। उन्होंने हिंदी को हिन्दि लिख दिया। और स्रोत को स्त्रोत लिख दिया। बधाई संदेश में वीरेंद्र सहवाग ने लिखा, ‘हिन्दि हमारे राष्ट्र की अभिव्यक्ति का सरलतम स्त्रोत है! जो बात हिंदी में है वो किसी और में नही! 17 Sept. को हिंदी कमेंट्री!’ सहवाग के इस ट्वीट के बाद कई यूजर्स ने चुटकी ली। गलती का अहसास होने के बाद सहवाग ने एक और ट्वीट किया। ट्वीट में उन्होंने इस बार ‘हिंदी’ लिखा। हालांकि स्त्रोत की गलती को सहवाग नजर अंदाज कर गए।

पूर्व खिलाड़ी के ट्वीट पर ट्विटर यूजर ठाकुर साहब लिखते हैं, ‘हिंदी में क, ख, ग भी नहीं आता हम सीबीएसई वालों को, उसका क्या। बहुत लोगों को तो हिंदी में भी बोलने में शर्म आती है देश में।’ प्रभात शर्मा लिखते हैं, ‘मेरे भाई पहले हिंदू को बचा लो हिंदी तो है ही हमारी भाषा।’ फरीद आलम लिखते हैं, ‘हिंदी और स्त्रोत की वर्णमाला तो सही लिख लो देशभक्त। बकलोली करते हो और फर्जी तारीफ करते हो हिंदी की।’ विकास सैनी लिखते हैं, ‘हिंदी होता है सर।’ राजी रॉक लिखते हैं, ‘सर बोलने से कुछ नहीं होगा। हिंदी को पूरी दुनिया में लाना होगा।’ संतोष लिखते हैं, ‘हिंदी की सबसे बड़ी विशेषता है। हिंदी जैसी बोली जाती है वैसी ही लिखी जाती है। यह विशेषता संस्कृत को छोड़कर किसी और भाषा में नहीं है।’

एक यूजर चुटकी लेते हुए पूछते हैं, ‘सहवाग आपका स्कूल हिंदी में है या अंग्रेजी में।’ बुल्ला लिखते हैं, ‘देखकर तो सही लिखो।’ अक्षय कुमार अहूजा लिखते हैं, ‘हिंदी में दम है इसलिए हिंदी हैं हम।’ अरुण कुमार यादव लिखते हैं, ‘सर आपने ऐसे कैसे लिख दिया। अभी दक्षिण भारतीयों की भावनाएं आहत हो जाएंगी। खासतौर पर कर्नाटक वालों की। बहुत नफरत है इन्हें हिंदी से।’ विजय चौहान लिखते हैं, ‘सर आपकी हिंदी का जो स्टाइल है वो हमें पसंद है।’

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