कंपनी के पूर्व कर्मी का दावा: ‘नीतीश कुमार ले चुके हैं कैम्ब्रिज एनालिटिका की सेवा, एक पार्टी ने करवाई थी जातिवार गणना’
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ब्रिटेन की राजनीतिक परामर्श देने वाली कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका (सीए) की सेवा ले चुके हैं। यह दावा कंपनी के पूर्व कर्मी और व्हिसलब्लोवर क्रिस्टफर वाइली ने बुधवार (28 मार्च) को किया। उन्होंने कहा है कि साल 2010 के बिहार विधानसभा चुनावों में नीतीश की पार्टी जनता दल (एकीकृत) ने कंपनी की सेवाएं ली थीं। कंपनी की ऑफशूट एससीएल इंडिया ने इसके अलावा साल 2009 में लोकसभा चुनावों के दौरान कई राजनेताओं और उम्मीदवारों के राजनीतिक अभियान से जुड़ा काम संभाला था। वाइली ने अपने खुलासे में नीतीश का नाम जाहिर किया, मगर अन्य राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों के बारे में विस्तार से नहीं बताया।
आपको बता दें कि कैम्ब्रिज एनालिटिका डाटा चोरी के मामले में भारतीय राजनीति में खलबली मची हुई है। कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच इसी मसले पर जुबानी जंग छिड़ी हुई है। हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ था, जो कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा सकता है। सीए के निलंबित चल रहे सीईओ एलेक्जेंडर निक्स के लंदन स्थित दफ्तर में कांग्रेस के चिह्न (पंजे वाली) वाली तस्वीर फोटो फ्रेम में टंगी दिखी थी।
एससीएल यूके और जेडी (यू) नेता के.सी.त्यागी के बेटे अमरीश कंपनी ऑल्वेनो बिजनेस इंटेलिजेंस (ओबीआई) प्राइवेट लिमिटेड के बीच का ज्वाइंट वेंचर ही एससीएल इंडिया कहलाता है। यह कंपनी 2011 में शुरू हुई थी, जिसका पंजीकरण कानपुर स्थित रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) में कराया गया था। बकौल वाइली, “एससीएल इंडिया से साल 2010 में राज्य चुनावों के दौरान राजनीतिक रिसर्च और नीतियां बनाने के लिए कहा गया था।”
पार्टी नेता त्यागी का इन खुलासों पर कहना है कि व्हिसलब्लोवर ने चार महीनों या उसके आसपास काम किया था। ये पूरी तरह से झूठ है। यहां तक कि मुख्य कंपनी ने भी इन दावों को खारिज किया है। मैं इसके सिर्फ यही कहूंगा कि अगर किसी को जांच करानी है तो वह करा सकता है।
कंपनी ने इसके अलावा 2003 से लेकर 2012 के बीच उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार में भी कई लोगों को अपनी सेवाएं दी थी। वाइली के मुताबिक, एससीएल इंडिया ने उत्तर प्रदेश में 2012 में जातिवार जनगणना की थी, जिसमें एक पार्टी ने इससे यह समझने की कोशिश की थी कि आखिर उसके पास कितने कोर वोटर हैं, जबकि कितने उसके पाले में आ सकते हैं।