यूपी सरकार ने जोड़ा बाबा साहेब अंबेडकर के नाम में राम: नया नाम होगा ‘डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर’
उत्तर प्रदेश में अब डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम में ‘राम जी’ भी जुड़ेगा। यह नया शब्द उनके पिता के नाम से लिया गया है। 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में जन्मे डॉ. आंबेडकर के पिता का नाम राम जी मालोजी सकपाल था। नए आदेश के तहत उत्तर प्रदेश के राजकीय अभिलेखों में संविधान निर्माता का अब पूरा नाम लिखा जाएगा। योगी आदित्यनाथ सरकार ने बुधवार(28 मार्च) को सभी विभागों को आदेश जारी किया है।बताया जा रहा है कि यह फैसला राज्यपाल राम नाईक की पहल पर हुआ है। सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार ने बताया कि राज्यपाल राम नाईक ने शासन को संविधान की आठवीं अनुसूची की मूल प्रति भेजी थी। जिसमें डॉ. आंबेडकर ने हस्ताक्षर करते समय अपना पूरा नाम डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर लिखा था।
राज्यपाल ने कहा था कि डॉ. आंबेडकर का अधूरा और गलत नाम लिखा जा रहा है। लिहाजा उनके पिता के साथ पूरा नाम लिखा जाए, जो बाबा साहब ने विभिन्न जगहों पर अपने हस्ताक्षर में लिखे हैं। जिस पर सामान्य प्रशासन विभाग ने डॉ. आंबेडकर का पूरा नाम लिखने का आदेश जारी कर दिया। बता दें कि राज्यपाल राम नाईक ने पिछले साल कहा था कि किसी भी व्यक्ति का नाम उसी तरह लिखा जाना चाहिए, जिस प्रकार वह खुद लिखता हो। बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर महासभा के निदेशक डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल के मुताबिक राज्यपाल राम नाईक ने 2017 से डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम के साथ रामजी जोड़ने के लिए पहल की थी। उन्होंने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित बाबा साहब पर बनी संस्थाओं के प्रमुखों को पत्र लिखकर सही नाम लिखे जाने की बात कही थी।
दरअसल संविधान के पन्ने में बाबा साहब का डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर के नाम से हस्ताक्षर शामिल है। बाबासाहब डॉ. भीमराव आंबेडकर महासभा के निदेशक डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल कहते हैं कि इस कैंपेन को राज्यपाल राम नाईक ने दिसंबर 2017 में शुरू किया था। राम नाईक ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और महासभा को पत्र लिखकर आंबेडकर के नाम का सही उच्चारण और सही नाम लिखने के लिए ध्यान आकृष्ट कराया था। बता दें कि 14 अप्रैल को बाबा साहब की जयंती है।